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Siwan  सीवान के आर्केस्ट्रा संचालक की सड़क दुर्घटना में सारण में मौत

Bilaspur में घर लौटते वक्त मोबाइल पर बात करते जा रहा था, ट्रक की टक्कर से हो गई मौत

बिहार न्यूज़ डेस्क छपरा-सीवान मुख्य मार्ग (एनएच 531) पर नंदलाल सिंह कॉलेज जैतपुर के समीप भीषण सड़क दुर्घटना में स्कॉर्पियो सवार ऑर्केस्ट्रा संचालक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई जबकि चालक समेत अन्य तीन अन्य लोग गंभीर रूप से जख्मी बताए जा रहे हैं. उनका उपचार किसी निजी क्लीनिक में चल रहा है.

घटना  की सुबह करीब तीन बजे की बताई जाती है. मृत ऑर्केस्ट्रा संचालक की पहचान सीवान जिले के दरौंदा थाना क्षेत्र के भीखाबांध गांव के स्व.रामप्रवेश उपाध्याय के 65 वर्षीय पुत्र अभय कुमार उपाध्याय के रूप में हुई है. घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची दाउदपुर पुलिस वाहन को जब्त कर थाने लेकर आई. शव को भी लाया गया. प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना उस समय की बताई जाती है जब वीआईपी म्यूजिकल ग्रुप के संचालक अभय किशोर उपाध्याय  की रात करीब दो बजे अपने वाहन से चालक व तीन अन्य लोगों के साथ छपरा जंक्शन पर बंगाल से आ रही कुछ नर्तकियों को लाने के लिए जा रहे थे.

इस दौरान दाउदपुर थाना क्षेत्र के नंदलाल सिंह कॉलेज के समीप किसी ट्रक से जोरदार टक्कर हो गयी. स्कॉर्पियो में आगे बैठे संचालक की घटना स्थल पर ही मौत हो गई. वाहन के अंदर ही उनका शव फंस गया था. बाद में किसी तरह से वाहन के अंदर से शव को बाहर निकाला गया और पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल छपरा भेज दिया गया. वहीं हादसे में स्कॉर्पियो वाहन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है.

बड़े पुत्र ने दी मुखाग्नि

अभय किशोर उपाध्याय के शव को उनके बड़े पुत्र प्राणनाथ उपाध्याय ने मुखाग्नि दी. इस दौरान पूरा महौल गमगीन हो गया. अभय किशोर उपाध्याय के तीन पुत्र व एक पुत्री है. तीनों पुत्र में बड़े पुत्र प्रणानाथ उपाध्याय की शादी हो चुकी है. वह गांव में ही रहते है. सोनू उपाध्याय पटना में रहते है, जबकि छोटे पुत्र संदीप उपाध्याय जयपुर में रहकर पढ़ाई करते है. पिता राम प्रवेश उपाध्याय व मां का करीब 20 वर्ष पूर्व निधन हो गया है. घटना की सूचना पाकर पत्नी लालती देवी बेसुध हो गई है. ग्रामीणों की भीड़ दरवाजे पर जुट गई है.

नहीं थम रहा सड़क दुर्घटना का सिलसिला

सड़क दुर्घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. सड़कों पर नाचती मौत से आए दिन कई परिवार उजड़ जा रहे हैं. जाने वाले तो चले जा रहे लेकिन उनकी मौत से उनके पीछे परिवार का क्या हाल हो रहा इसका कोई रिकॉर्ड नहीं दिख रहा है. इस वर्ष के आंकड़े की बात करें तो जिले के विभिन्न सड़कों पर प्रति महीने औसतन 20 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं और इन हादसों में दम तोड़ने वालों की संख्या भी प्रति महीने औसतन 15 है.

 

 

सिवान न्यूज़ डेस्क

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