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Siwan  स्थायी जमीन नहीं मिलने से जहां तहां गिराया जा रहा कचरा, नप के दावे के बावजूद न तो सही से सफाई हो रही और न कचरे का उठाव हो रहा
 

स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के द्वितीय फेज में शामिल ओडीएफ प्लस गांवों में कचरा प्रबंधन व स्वच्छता के कार्यों से पहले इससे संबंधित लोगों को तकनीकी रूप से दक्ष बनाया जा रहा है,


बिहार न्यूज़ डेस्क भीषण गर्मी, चिलचिलाती धूप व गर्म हवाओं से लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है. दूसरी तरफ शहर की आबोहवा में घुलता जहर भी दिन प्रति दिन लोगों की परेशानी का कारण बनती जा रही है. शहर में जगह-जगह जमा कचरा व अव्यवस्थित सफाई इस समस्या का मूल कारण बताया जा रहा है.

नालों की उड़ाही के बावजूद नाले का पानी ओवर फ्लो करके नहीं बह रहा, दूसरी तरफ नगर परिषद के दावे के बावजूद न तो नियमित रूप से सही से सफाई हो रही और न कचरे का उठाव ही हो रहा है. दरअसल, नगर परिषद प्रशासन के बाद शहरी क्षेत्र का कचरा गिराने के लिए खुद की जमीन का नहीं होना उसके लिए दिन ब दिन गले की हड्डी बनता जा रहा है.
खरीदी गई जमीन कानूनी मामले में फंसकर रह गई नगर परिषद के निवर्तमान बोर्ड के कार्यकाल में शहरा का कचरा गिराने के लिए अंगौता में खरीदी गई जमीन कानूनी मामले में फंसकर रह गई और नए बोर्ड के गठन के पांच माह बाद भी शहर की सरकार को कहीं कोई स्थायी जमीन नहीं मिल रही, जहां वह शहरी क्षेत्र के लोगों का कचरा गिराए. नगर परिषद की इस उदासीनता का खामियाजा शहर के लोगों को उठाना पड़ रहा है.
दो दिनों से नहीं हुआ कचरा का उठाव
नप की ऐसी ही उदासीनता के शिकार लोग पिछले 48 घंटे से हैं, जब शहर के शांति वट वृक्ष, कसेरा टोली तीनमुहानी, बउ़ी मस्जिद के पीछे समेत नगर परिषद के कई अन्य कचरा प्वाईंट से पिछे दो दिनों से कचरे का उठाव नहीं हुआ. भीष्ण गर्मी में बाजार निकले लोग नाक पर रुमाल लपेट कर आते जाते दिखे. बताया जा रहा कि पिछले कुछ दिनों से बाईपास के इधर-उधर कचरा गिरा रही नगर परिषद प्रशासन के लिए अब वहां भी कचरा फेंकना मुश्किल हो गया है.
जमीन मिलने पर ही स्थाई निदान निकलेगा
हालांकि, नप का कहना है कि कचरा गिराने के लिए स्थायी जमीन तो नहीं मिली है, लेकिन सदर प्रखंड के उखई में कचरा डंप करने के लिए अस्थायी जमीन एक पोखरा के रूप में मिल गई है. नगर परिषद की उप मुख्य पार्षद किरण गुप्ता ने बताया कि अभी स्थायी जमीन नहीं मिली है, लेकिन उखई में एक स्थान पर कचरा गिराने के लिए जगह मिली है. नगर परिषद प्रशासन स्थायी जमीन कचरा गिराने के लिए लगातार खोज रहा है, जमीन के मिलते ही कचरा गिराने की समस्या भी खत्म हो जायेगी.
दो बार हो चुकी है बैठक
नगर परिषद के नए बोर्ड द्वारा 13 जनवरी को शपथ ग्रहण करने के बाद बोर्ड की दो बैठक हो चुकी, प्रत्येक बैठक में बोर्ड से लेकर पार्षद तक स्वच्छता को प्रमुख मुद्दा बताते हुए दोनों समय सफाई, समय से नालों की उड़ाही व दिन में दो बार कचरे का उठाव करने की बात कह रहे हैं. बोर्ड की बैठक में इसका प्रस्ताव भी पारित हो गया, लेकिन कचरा गिराने के लिए स्थायी जमीन नहीं मिलने से शहरी क्षेत्र का कचरा डंप करना न नगर परिषद प्रशासन बल्कि शहरवासियों के लिए भी एक बड़ी समस्या का कारण बन गया है.


सिवान न्यूज़ डेस्क
 

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