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Siwan  वायु प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण को कार्ययोजना बनाएंगे डीएम

Thane की हवा संतोषजनक, वायु गुणवत्ता सूचकांक 65 से 85 के बीच

बिहार न्यूज़ डेस्क वायु प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण के लिए राज्यभर के जिलों में कार्ययोजना बनेगी. सभी 38 जिलों के जिलाधिकारी इसको लेकर अपने-अपने जिले के लिए कार्ययोजना बनायेंगे. उन्हें एक्शन प्लान बनाने का टास्क मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने  दिया.

मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने उन्हें वायु प्रदूषण के निवारण और नियंत्रण के लिए गंभीरता से पहल करने का निर्देश दिया. उन्होंने सभी जिलों को क्रमिक प्रतिक्रिया कार्ययोजना बनाने का टास्क भी सौंपा. मुख्य सचिव ने सभी जिलों को अपेक्षित कार्रवाई के कार्यान्वयन की जानकारी प्रदूषण नियंत्रण पर्षद को उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया. मुख्य सचिव ने  सूबे में बढ़ते वायु प्रदूषण, उसकी मौजूदा स्थिति और उसके निवारण के लिए किये जा रहे प्रयासों की समीक्षा की. बैठक में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन के सचिव, प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सदस्य सचिव और सभी जिलाधिकारी एवं नगर आयुक्त वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए. प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सदस्य सचिव ने बताया कि गंगा के मैदानी क्षेत्र में स्थित होने के कारण प्रदेश में वायु प्रदूषण की समस्या उत्पन्न होती है. इससे हवा में कण पदार्थ सामान्य से अधिक होती है. गैसीय प्रदूषक सल्फर डाय ऑक्साइड, नाइट्रोजन आक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड, अमोनिया, ओजोन मानक के अधीन पाए गए हैं. शीतकाल में वायु प्रदूषण की स्थिति अधिक खराब हो जाती है. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन के सचिव ने बताया कि पटना और हाजीपुर में प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की ओर से किये गये सर्वेक्षण में वायु प्रदूषण के हॉट स्पॉट चिह्नित किये गये हैं. इन शहरों में हो रहे निर्माण कार्य, हाजीपुर में कचरों के जलाने से हो रहे वायु प्रदूषण की ओर ध्यान आकृष्ट किया गया. उन्होंने बताया कि पटना, मुजफ्फरपुर और गया शहर की स्थिति राष्ट्रीय स्तर पर खराब है. इन शहरों के वायु प्रदूषण के निवारण के लिए कार्ययोजना तैयार की गयी है.

कचरा जलने से रोकने की भी डीएम पर जिम्मेवारी

बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने भी सभी जिलाधिकारियों को वायु प्रदूषण के निवारण व नियंत्रण के लिए कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. इसके अंतर्गत जिला स्तरीय कार्यान्वयन समिति की नियमित बैठक, निर्माण कार्य क्रियाकलाप से होने वाले प्रदूषण के निवारण के लिए किये जाने वाले रोकथाम व्यवस्था, ठोस कचरों को नहीं जलाने से संबंधित दिशा निर्देश दिये गये हैं. प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की ओर से वायु प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था का बिना अनुपालन किये निर्माण क्रियाकलाप के जुड़ी एजेंसियों को पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति भुगतान करने का भी निर्देश दिया है. यह भी कहा गया है कि पटना उच्च न्यायालय में वायु प्रदूषण के संबंध में वायु गुणवत्ता का अनुश्रवण किया जा रहा है.

 

 

सिवान न्यूज़ डेस्क

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