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Siwan  कोरोना के बाद युवाओं में योग के प्रति रुचि
 

Siwan  कोरोना के बाद युवाओं में योग के प्रति रुचि


बिहार न्यूज़ डेस्क गुठनी दरौली की सीमा पर स्थित सिद्ध गुफा योगाश्रम आज भी अपनी योग कला के लिए प्रसिद्ध है। यहां अष्टांग योग में यम, नियम, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि शामिल हैं। इस संबंध में चक्री योगाश्रम के महंत रघुनाथ दास ने बताया कि आधुनिक चिकित्सा के महत्व के कारण युवाओं में योग के प्रति रुचि बढ़ रही है.

इसके लिए प्रयागराज, बनारस, बलिया, गोरखपुर, सीवान, छपरा, गोपालगंज, असम, मध्य प्रदेश, मथुरा, काशी, हरिद्वार से युवा पीढ़ी आकर महीनों योग का प्रशिक्षण लेती है। जिसमें अधिक युवा शामिल हैं जो शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। उनका लक्ष्य योग को शिक्षा में शामिल करना है।इन आसनों का दिया जाता है प्रशिक्षण चक्री योगाश्रम में योग के विभिन्न आसनों का प्रशिक्षण दिया जाता है। इस संबंध में योगाश्रम के महंत रघुनाथ दास के अनुसार कुल 84 आसन हैं। जिसमें सूर्य नमस्कार, भुजंगासन, धनुरासन, वज्रासन, मछेदरा आसन, कुक्कुटासन, नौकासन, वृश्चिक आसन, गोमुखासन, मयूर आसन, हलासन, सर्वांगासन, पवन मुक्त आसन सहित मुख्य रूप से 84 आसन हैं, जिनमें कई आसन काफी कठिन हैं। इसके लिए नियमित रूप से योग्य प्रशिक्षण लेना होगा। जबकि, प्राणायाम में रेचक, कुंभक, पुरका, भ्रामरी, उज्जैन, शीतली, त्रिबंद मूलबंध, जालंधर, बंध, उद्यानबंध शामिल हैं।
सिवान न्यूज़ डेस्क
 

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