सीकर में राव राजा कल्याण सिंह बहादुर की 139वीं जयंती मनाई गई, पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कांग्रेस पर साधा निशाना

राजस्थान के सीकर जिले में शुक्रवार को राव राजा कल्याण सिंह बहादुर की 139वीं जयंती बड़े धूमधाम और गरिमामयी माहौल में मनाई गई। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र की कई प्रमुख हस्तियां शामिल हुईं। कार्यक्रम का आयोजन पारंपरिक राजस्थानी शैली में हुआ और इसमें बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों ने भी भाग लिया।
राजेंद्र राठौड़ ने कांग्रेस पर बोला हमला
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित राजस्थान विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि "कांग्रेस पार्टी ने केवल जातिवाद और तुष्टिकरण की राजनीति की है, जबकि राव राजा कल्याण सिंह बहादुर जैसे महापुरुषों ने सदैव जनसेवा, न्याय और समर्पण की भावना से कार्य किया।"
राठौड़ ने अपने संबोधन में राजस्थान की मौजूदा कांग्रेस सरकार पर कई आरोप लगाए, जिनमें प्रशासनिक अराजकता, किसान समस्याएं और युवाओं के साथ विश्वासघात जैसे मुद्दे शामिल रहे।
सांसद राव राजेंद्र सिंह ने की अध्यक्षता
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जयपुर ग्रामीण से भाजपा सांसद राव राजेंद्र सिंह ने की। उन्होंने राव राजा कल्याण सिंह बहादुर के योगदान को याद करते हुए कहा कि "वह न केवल एक कुशल शासक थे, बल्कि जनहित में निर्णय लेने वाले एक दूरदर्शी नेता भी थे। आज की पीढ़ी को उनके आदर्शों से प्रेरणा लेनी चाहिए।"
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में धोद विधायक गोरधन वर्मा, पूर्व सभापति जीवन खां और कांग्रेस प्रवक्ता अर्चना शर्मा भी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। सभी ने राव राजा कल्याण सिंह बहादुर के व्यक्तित्व और कृतित्व की सराहना करते हुए उन्हें नमन किया।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सजी महफिल
जयंती कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, राजस्थानी लोकगीतों, और पारंपरिक नृत्य ने भी लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। युवाओं और स्कूली बच्चों द्वारा राव राजा के जीवन पर आधारित नाटक और भाषण प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं।
मुख्य बिंदु:
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राव राजा कल्याण सिंह बहादुर की 139वीं जयंती पर भव्य आयोजन
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राजेंद्र राठौड़ ने कांग्रेस की नीतियों पर जमकर हमला बोला
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राव राजेंद्र सिंह ने आदर्शों को अपनाने का आह्वान किया
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कई विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति
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कार्यक्रम में सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहलुओं पर रहा जोर