सीकर रोडवेज कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन, वीडियो में देखें सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी

राजस्थान रोडवेज कर्मचारियों की लंबित मांगों और कथित अनदेखी के खिलाफ राजस्थान रोडवेज कर्मचारी संयुक्त यूनियन के आह्वान पर मंगलवार को सीकर रोडवेज डिपो में कर्मचारियों ने जोरदार प्रदर्शन और धरना दिया। इस दौरान बड़ी संख्या में एकत्रित कर्मचारियों ने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की।
डिपो गेट पर जड़ा ताला, सेवाएं हुईं प्रभावित
प्रदर्शनकारियों ने सुबह से ही रोडवेज डिपो के मुख्य गेट के बाहर एकत्र होकर धरना शुरू कर दिया और डिपो गेट पर प्रतीकात्मक रूप से ताला जड़ दिया। इससे कई रूटों पर बस संचालन आंशिक रूप से प्रभावित रहा और यात्रियों को भी असुविधा का सामना करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने साफ कहा कि जब तक उनकी मांगों पर सरकार सकारात्मक रुख नहीं अपनाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
क्या हैं कर्मचारियों की प्रमुख मांगें?
प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि सरकार लगातार रोडवेज कर्मचारियों की समस्याओं की अनदेखी कर रही है। उनकी प्रमुख मांगों में शामिल हैं:
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नियमित कर्मचारियों के वेतन में देरी
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संविदा कर्मचारियों का स्थायीकरण
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रिटायर हो चुके कर्मचारियों को लंबित भुगतान
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रोडवेज में नई भर्तियों की प्रक्रिया शुरू करना
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परिवहन निगम का निजीकरण रोकना
कर्मचारियों का कहना है कि सरकार सिर्फ घोषणाएं करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती।
यूनियन नेताओं ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
धरने को संबोधित करते हुए यूनियन नेताओं ने कहा कि सरकार परिवहन निगम को जानबूझकर कमजोर कर रही है ताकि निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाया जा सके। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही कोई निर्णय नहीं लिया गया तो आंदोलन को राज्यव्यापी रूप दिया जाएगा।
एक यूनियन नेता ने कहा, "रोडवेज आम आदमी की जीवन रेखा है। इसे खत्म करने की साजिश हो रही है, जिसे हम सफल नहीं होने देंगे।"
प्रशासन रहा सतर्क, पुलिस बल तैनात
प्रदर्शन को देखते हुए मौके पर प्रशासन और पुलिस बल की तैनाती की गई थी ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो। हालांकि प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और किसी तरह की झड़प या हिंसा की सूचना नहीं मिली। डिपो अधिकारियों ने कहा कि कर्मचारियों की मांगों को संबंधित उच्चाधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा।
यात्रियों को हुई परेशानी
प्रदर्शन के कारण कुछ बस सेवाएं बाधित रहीं, जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। खासतौर पर दूर-दराज़ से आने वाले यात्रियों को वैकल्पिक साधनों का सहारा लेना पड़ा।