वकील की हत्या के विरोध में सीकर में प्रदर्शन, वीडियो में देखें आंदोलन की चेतावनी दी

अजमेर जिले के पुष्कर में वकील पुरुषोत्तम जाटोलिया की निर्मम हत्या के मामले में दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर सीकर बार संघ के वकीलों ने मंगलवार को आक्रोश रैली निकाली। रैली के दौरान वकीलों ने नारेबाजी करते हुए जिला कलेक्ट्रेट पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने एडीएम सिटी भावना शर्मा को ज्ञापन सौंपा और हत्यारों की जल्द गिरफ्तारी और कड़ी सजा की मांग की।
आक्रोश रैली में वकीलों का हुजूम
सुबह से ही वकीलों में रोष का माहौल नजर आया। काले कोट पहने सैकड़ों वकील जिला न्यायालय परिसर में इकट्ठा हुए और पुष्कर में हुई इस दिल दहला देने वाली घटना की कड़ी निंदा की। इसके बाद वकीलों ने एकजुट होकर आक्रोश रैली निकाली जो शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई जिला कलेक्ट्रेट पहुंची। इस दौरान वकील ‘हत्यारों को फांसी दो’, ‘वकीलों की सुरक्षा सुनिश्चित करो’ जैसे नारे लगाते नजर आए।
कलेक्ट्रेट पर जमकर प्रदर्शन
जिला कलेक्ट्रेट के बाहर पहुंचकर वकीलों ने जोरदार प्रदर्शन किया। वकीलों ने प्रशासन से मांग की कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाया जाए ताकि मृतक वकील को न्याय मिल सके। साथ ही उन्होंने प्रदेशभर के वकीलों की सुरक्षा के लिए विशेष कानून बनाने और तत्काल प्रभाव से सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की मांग की।
बार संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा।
एडीएम सिटी को सौंपा ज्ञापन
प्रदर्शन के बाद वकीलों के प्रतिनिधिमंडल ने एडीएम सिटी भावना शर्मा को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में वकीलों ने लिखा कि पुष्कर में पुरुषोत्तम जाटोलिया जैसे ईमानदार और कर्मठ वकील की दिनदहाड़े हत्या होना कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। अगर समय रहते प्रशासन दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं करता है तो वकील समाज चुप नहीं बैठेगा।
एडीएम भावना शर्मा ने वकीलों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को गंभीरता से सरकार और उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा।
वकीलों ने चेताया, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी
बार संघ अध्यक्ष ने कहा कि अगर प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो वकील प्रदेशव्यापी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने कहा कि न्याय व्यवस्था में वकीलों की अहम भूमिका होती है और यदि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की गई तो आमजन का न्याय में भरोसा कमजोर होगा।
वकीलों ने आगामी दिनों में न्यायिक कार्य बहिष्कार करने की भी चेतावनी दी।