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सीकर के जाजोद सीएचसी में मरीज व परिजनों के साथ मारपीट, वीडियो में जानें ग्रामीणों ने अस्पताल पर जडा ताला

सीकर के जाजोद सीएचसी में मरीज व परिजनों के साथ मारपीट, वीडियो में जानें ग्रामीणों ने अस्पताल पर जडा ताला

जिले के जाजोद स्थित राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में मंगलवार रात को स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी लापरवाही और मरीज व परिजनों के साथ मारपीट व अभद्रता का गंभीर मामला सामने आया है। घटना के बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया। गुस्साए परिजनों और स्थानीय ग्रामीणों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया और बुधवार सुबह करीब आधे घंटे तक सीएचसी के मुख्य गेट को बंद रखकर विरोध दर्ज कराया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, एक मरीज को इलाज के लिए रात में सीएचसी लाया गया था, जहां कथित तौर पर ड्यूटी पर तैनात मेडिकल स्टाफ ने लापरवाही बरतते हुए परिजनों से गलत तरीके से बात की और हाथापाई तक की नौबत आ गई। प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप है कि अस्पताल स्टाफ ने न केवल मरीज की अनदेखी की, बल्कि उनके साथ आए परिजनों के साथ भी अभद्र भाषा का प्रयोग किया और शारीरिक दुर्व्यवहार किया।

घटना की जानकारी फैलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण अस्पताल पहुंच गए और स्वास्थ्य केंद्र परिसर में हंगामा शुरू कर दिया। सुबह होते-होते आक्रोशित लोगों ने सीएचसी के मुख्य द्वार को बंद कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान अस्पताल में आने वाले अन्य मरीजों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा।

सूचना पर स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझाने का प्रयास किया। ग्रामीणों की मांग थी कि दोषी स्टाफ के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए और अस्पताल में चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए।

सीएचसी प्रभारी का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ प्रशासनिक स्तर पर उचित कार्रवाई की जाएगी। वहीं, पुलिस ने भी परिजनों की शिकायत के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी है।

इस घटना ने एक बार फिर ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था की खामियों को उजागर कर दिया है। जाजोद सहित सीकर जिले के कई हिस्सों में पहले भी स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर स्थानीय लोगों ने नाराजगी जाहिर की है।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी इस घटना पर चिंता व्यक्त की है और सरकार से मांग की है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में व्यवसायिक और संवेदनशील चिकित्सा स्टाफ की नियुक्ति की जाए ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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