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सीकर में हुआ भयानक हादसा : लाशो की हालत देख परिजन हुए बेसुध

कार आग की लपटों से घिर गई और अंदर फंसे परिवार के सात सदस्य मदद के लिए चिल्लाते हुए जिंदा जल गए। उसकी माँ और दादी ने शायद अपनी प्यारी मासूम बच्चियों को बचाने के लिए उन दोनों को अपने सीने से चिपका लिया था.........
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सीकर न्यूज़ डेस्क !!! कार आग की लपटों से घिर गई और अंदर फंसे परिवार के सात सदस्य मदद के लिए चिल्लाते हुए जिंदा जल गए। उसकी माँ और दादी ने शायद अपनी प्यारी मासूम बच्चियों को बचाने के लिए उन दोनों को अपने सीने से चिपका लिया था, लेकिन भीषण आग ने उन सभी को जलाकर राख कर दिया। कुछ सेकेंड तक तो इन लोगों की चीखें निकलीं, लेकिन फिर मौत का सन्नाटा फैल गया. फतेहपुर में पुलिस ने शवों को कार से बाहर निकाला तो दोनों बच्चियों के शव उनकी मां और दादी की छाती से चिपके हुए मिले. फतेहपुर में हुए हादसे में पता चला कि कार आरके पुरम निवासी आशुतोष गोयल चला रहा था। उनके बगल में हार्दिक बिंदल बैठे थे. पीछे की सीट पर उनकी मां मंजू देवी, बीच में उनकी पत्नी स्वाति बिंदल और बगल में उनकी चाची नीलम गोयल बैठी थीं।


सुदीक्षा-ऋतिक्षा अपनी मां और दादी की गोद में बैठी थीं. पुलिस को दोनों बेटियों के कंकाल उनकी मां और दादी की गोद में मिले। शव को देख पुलिस कर्मियों और अग्निशमन विभाग के कर्मियों व अधिकारियों की भी आंखें नम हो गयीं.


बेटे और पत्नी का कंकाल देखकर मुकेश गोयल बेहोश हो गए

जवान बेटे आशुतोष गोयल और पत्नी नीलम गोयल का कंकाल देखकर मुकेश गोयल बेहोश हो गए। आशुतोष गोयल और नीलम गोयल के शव मुकेश गोयल को सौंप दिए गए. पन्नी खोलते ही वह सबसे पहले फूट-फूटकर रोने लगा। इसके बाद वह बेहोश हो गये.


अब काफी देर हो गयी है घर आ जाओ

आरके पुरम में रहने वाले आशुतोष गोयल की पत्नी पारुल का भी बुरा हाल है। वह कहती रही कि बहुत देर हो गई है, अब घर आ जाओ। सोमवार को भी वह पूरे दिन शव आने का इंतजार करती रहीं, लेकिन आखिरी बार अपने पति का चेहरा भी नहीं देख सकीं.


एक साथ जलीं पांच चिताएं, दो बच्चों ने किया जल प्रवाह

शवों का अंतिम संस्कार गढ़मुक्तेश्वर के ब्रजघाट में गंगा तट पर किया गया। सबकी आंखों के सामने एक साथ पांच चिताएं जलीं। वहीं, दो बच्चे गंगा में डूब गये.


हर अनख रोई... सीकर से पॉलीथिन में लिपटे कंकाल ही आए

सीकर से सात घंटे बाद शाम को सातों लोगों के शव कार से गढ़ गंगा ब्रजघाट पहुंचे। सभी शवों का पोस्टमार्टम किया गया. पॉलीथिन पर शवों के नाम लिखे हुए थे. लाश में केवल कंकाल और हड्डियाँ थीं। शारदा रोड में सड़क हादसे में सात लोगों की मौत की खबर से पहले विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल के घर शिवशंकर पुरी, रिश्तेदारों और परिचितों का तांता लग गया.

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