राजस्थान में लू का कहर, सीकर में युवक की गर्मी से मौत, वीडियो में जानें 9 शहर भीषण गर्मी की चपेट में

राजस्थान में भीषण गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। प्रदेश के 9 शहर इन दिनों तेज़ लू की चपेट में हैं, जिसमें राजधानी जयपुर भी शामिल है। गर्म हवाओं और लगातार बढ़ते तापमान ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। इस बीच सीकर से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जहां एक 47 वर्षीय युवक का शव सड़क किनारे मिला। परिजनों का दावा है कि युवक की मौत तेज़ गर्मी और पानी की कमी के कारण हुई है।
सड़कों पर गिरने लगे लोग
मिली जानकारी के अनुसार, मृतक युवक सीकर शहर के ही निवासी थे और सोमवार सुबह घर से निकले थे। कुछ घंटों बाद उनका शव शहर के बाहरी इलाके में एक सड़क किनारे पड़ा मिला। परिवार वालों ने बताया कि वह लंबे समय से बीमार नहीं थे और संभवतः धूप में अधिक समय तक रहने, पानी न मिलने और लू लगने के कारण उनकी मौत हो गई। हालांकि, प्रशासनिक स्तर पर मौत के कारणों की पुष्टि के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतज़ार किया जा रहा है।
22 मई तक राहत की उम्मीद नहीं
मौसम विभाग ने प्रदेशवासियों को चेतावनी दी है कि 22 मई तक गर्मी से कोई राहत नहीं मिलने वाली है। विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में राजस्थान के कई हिस्सों में पारा 46 से 48 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच सकता है। खास तौर पर दोपहर के समय घर से बाहर निकलने वालों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
जयपुर समेत 9 शहर रेड अलर्ट पर
जयपुर के अलावा बीकानेर, चूरू, जोधपुर, बाड़मेर, नागौर, सीकर, झुंझुनूं और श्रीगंगानगर जैसे शहरों में तापमान सामान्य से कहीं अधिक दर्ज किया गया है। इन इलाकों में लू का प्रभाव सबसे ज्यादा है और स्वास्थ्य विभाग ने भीषण गर्मी को देखते हुए विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए हैं।
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर
गर्मी से बढ़ते खतरे को देखते हुए चिकित्सा विभाग ने सभी अस्पतालों में हीट स्ट्रोक वार्ड तैयार रखने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, ज़रूरतमंद लोगों के लिए जल सेवा केंद्र और शीतल पेय जल स्टॉल्स भी लगाने की तैयारी चल रही है। नगर निगम द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर छायादार टेंट और पेयजल की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।
क्या करें, क्या न करें
विशेषज्ञों का कहना है कि इस मौसम में बिना ज़रूरत धूप में निकलने से बचना, हल्के और सूती कपड़े पहनना, भरपूर पानी पीना, और ओआरएस जैसे तरल पदार्थों का सेवन करना बेहद ज़रूरी है। खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और हृदय रोगियों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।