Samachar Nama
×

सीकर की बेटी गीता समोता ने माउंट एवरेस्ट पर फहराया तिरंगा, वीडियो में देखें बोलीं- पहाड़ लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं करते

s

राजस्थान के सीकर जिले की होनहार बेटी और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की उप निरीक्षक गीता समोता ने एक और इतिहास रच दिया है। 19 मई 2025 को उन्होंने दुनिया की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट (8849 मीटर) पर पहुंचकर भारतीय तिरंगा लहराया। इसके साथ ही गीता CISF की पहली महिला अधिकारी बन गईं, जिन्होंने "दुनिया की छत" को फतह किया है।

कठिन परिश्रम, मजबूत इरादे

राजस्थान की धरती से निकलकर एवरेस्ट की चोटी तक पहुँचना आसान नहीं था। गीता समोता ने अपने मजबूत इरादों और कठोर प्रशिक्षण के दम पर यह मुकाम हासिल किया। उन्होंने नेपाल के काठमांडू से शुरू हुई इस दुर्गम यात्रा के दौरान कई प्राकृतिक चुनौतियों का सामना किया — जिसमें अत्यधिक ठंड, ऑक्सीजन की कमी, और बर्फीले तूफान जैसी स्थितियाँ शामिल थीं।

CISF ने गीता की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर गर्व जताते हुए उन्हें बल की प्रेरणा बताया है। सोशल मीडिया पर CISF और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गीता को बधाई देते हुए लिखा, “गीता समोता ने साहस, समर्पण और देशभक्ति की मिसाल कायम की है। वे हमारी वीर बेटियों के लिए प्रेरणा हैं।”

सीकर से एवरेस्ट तक का सफर

गीता समोता राजस्थान के सीकर जिले के एक छोटे से गांव से ताल्लुक रखती हैं। साधारण किसान परिवार से आने वाली गीता ने बचपन से ही चुनौतियों को स्वीकार करना सीख लिया था। पहले पढ़ाई, फिर CISF में भर्ती और अब एवरेस्ट विजय – उनका जीवन संघर्षों और सफलताओं की मिसाल है।

उनके परिजनों और गांव में इस ऐतिहासिक कामयाबी को लेकर जश्न का माहौल है। गीता के पिता ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमारी बेटी ने पूरे गांव और देश का नाम रोशन किया है। हमें उस पर गर्व है।”

महिलाओं के लिए बनी मिसाल

गीता की यह सफलता सिर्फ एक पर्वतारोहण नहीं, बल्कि एक सामाजिक संदेश भी है – कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। सुरक्षा बलों में महिलाओं की भागीदारी और नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए यह एक प्रेरणादायक उदाहरण है।

उनकी उपलब्धि को देखते हुए यह उम्मीद जताई जा रही है कि वे जल्द ही अन्य युवाओं को पर्वतारोहण और साहसिक खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित करेंगी।

सम्मान की तैयारी

सरकारी सूत्रों के अनुसार, गीता समोता को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा सम्मानित किए जाने की तैयारी चल रही है। साथ ही, CISF उनके नाम पर एक प्रेरक अभियान भी शुरू कर सकता है ताकि बल की अन्य महिला कर्मियों को भी साहसिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

Share this story

Tags