राजस्थान में बम धमकियों से मचा हड़कंप, हनुमानगढ़ कलेक्ट्रेट और नीमकाथाना रेलवे स्टेशन को उड़ाने की धमकी
राजस्थान में लगातार मिल रही बम से उड़ाने की धमकियों ने प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। सोमवार को प्रदेश के दो अलग-अलग जिलों में सरकारी और सार्वजनिक स्थलों को बम से उड़ाने की धमकी मिलने से हड़कंप मच गया। सुबह हनुमानगढ़ कलेक्ट्रेट को बम से उड़ाने की धमकी मिली, वहीं देर रात सीकर जिले के नीमकाथाना रेलवे स्टेशन को निशाना बनाने की धमकी ने प्रशासन की नींद उड़ा दी।
हनुमानगढ़ में सोमवार सुबह कलेक्ट्रेट कार्यालय को बम से उड़ाने की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और पुलिस तुरंत अलर्ट मोड पर आ गए। कलेक्ट्रेट परिसर को खाली कराया गया और आमजन की आवाजाही पर अस्थायी रोक लगा दी गई। बम निरोधक दस्ता, डॉग स्क्वॉड और पुलिस बल ने पूरे परिसर की गहन तलाशी ली। कई घंटों तक चले सर्च ऑपरेशन के बाद कोई संदिग्ध वस्तु या विस्फोटक नहीं मिला, जिसके बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली।
इसी तरह, देर रात सीकर जिले के नीमकाथाना रेलवे स्टेशन को बम से उड़ाने की धमकी मिलने से अफरा-तफरी मच गई। रेलवे अधिकारियों ने तुरंत इसकी सूचना स्थानीय पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) को दी। स्टेशन परिसर और प्लेटफॉर्म पर मौजूद यात्रियों को सतर्क किया गया और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी गई। बम निरोधक दस्ते ने स्टेशन परिसर, ट्रेनों और आसपास के क्षेत्रों की गहन जांच की। जांच के बाद यहां भी कोई विस्फोटक सामग्री नहीं मिलने की पुष्टि हुई।
हालांकि दोनों ही मामलों में धमकियां झूठी साबित हुईं, लेकिन इन घटनाओं ने प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। पिछले कुछ समय से प्रदेश के विभिन्न जिलों में कोर्ट, स्कूल, रेलवे स्टेशन और सरकारी कार्यालयों को बम से उड़ाने की धमकियां मिल रही हैं। अधिकांश मामलों में जांच के दौरान कुछ नहीं मिला, लेकिन हर बार प्रशासन को पूरी गंभीरता के साथ कार्रवाई करनी पड़ रही है।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ऐसी धमकियों को हल्के में नहीं लिया जा सकता। हर सूचना पर पूरी सतर्कता के साथ जांच की जाती है, क्योंकि जरा-सी लापरवाही बड़े हादसे का कारण बन सकती है। इन धमकियों के पीछे शरारती तत्वों, साइबर अपराधियों या किसी साजिश की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
अब इंटेलिजेंस एजेंसियां और साइबर सेल धमकी देने वालों की तलाश में जुट गई हैं। कॉल, ई-मेल और मैसेज के जरिए मिली सूचनाओं की तकनीकी जांच की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि दोषियों की पहचान होते ही उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि अफवाहों पर ध्यान न दें, लेकिन किसी भी संदिग्ध गतिविधि या धमकी की सूचना तुरंत पुलिस को दें। साथ ही यह भी कहा गया है कि सुरक्षा व्यवस्था को लेकर किसी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी।
लगातार मिल रही इन धमकियों ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाओं के पीछे छिपे मकसद का जल्द खुलासा होना जरूरी है, ताकि जनता में भय का माहौल खत्म किया जा सके और प्रशासनिक व्यवस्था पर भरोसा बना रहे।

