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मिसाल बनी राजस्थान की 102 साल की सरपंच, जानिए सबसे बुजुर्ग महिला सरपंच की कहानी? 

देश को पंचायती राज व्यवस्था देने वाले राजस्थान के गांवों की सरकार की भी अपनी विशेष पहचान है। नीमकाथाना जिले की पुरानाबास ग्राम पंचायत की 102 वर्षीय सरपंच विद्यादेवी अपने इनोवेशन के दम पर पूरे प्रदेश में चर्चा में हैं...........
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सीकर न्यूज़ डेस्क !!! देश को पंचायती राज व्यवस्था देने वाले राजस्थान के गांवों की सरकार की भी अपनी विशेष पहचान है। नीमकाथाना जिले की पुरानाबास ग्राम पंचायत की 102 वर्षीय सरपंच विद्यादेवी अपने इनोवेशन के दम पर पूरे प्रदेश में चर्चा में हैं। उम्र की इस दहलीज पर भी वह ग्रामीणों से मिलने से लेकर परियोजनाओं की निगरानी तक रोजाना खुद मैदान में उतरती हैं। प्रदेश को सबसे युवा जिला प्रमुख देने का रिकॉर्ड भी सीकर जिले की पूर्व जिला प्रमुख अपर्णा रोलन के नाम है। सीकर जिले के पलसाना गांव के सरपंच रूप सिंह शेखावत का जिक्र कोरोना काल में किए गए नवाचारों के कारण पीएम मोदी की मन की बात में भी हुआ है. उन्होंने कोरोना काल में श्रमिकों के लिए सरकारी स्कूल में बने क्वारेंटाइन सेंटर की रंगाई-पुताई का काम किया था. इस पहल की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने मन की बात में इसका जिक्र किया था.

राजस्थान की सबसे बुजुर्ग सरपंच विद्या देवी व्यवस्थाएं खुद संभालती हैं

यदि उद्देश्य बेहतर हो तो राजनीति से बड़ा जनसेवा का कोई माध्यम नहीं हो सकता। सरकारी योजनाओं को सही ढंग से क्रियान्वित किया जाए तो गांव खुद बदल जाएंगे। यह कहना है राजस्थान के सबसे पुराने गांव पुरानाबास की 102 वर्षीय सरपंच विद्या देवी का। वह इस उम्र में अपने विकास की बागडोर खुद लेती है और उसकी निगरानी करती है। गाँव में बुनियादी सुविधाएँ विकसित करने के लिए भी कई नवाचार किए गए हैं, जैसे शहर को जोड़ने वाली सड़कें, पक्के घर, बिजली, पानी और शौचालय की सुविधाएँ। सरंपच विद्या देवी ने पंचायत की मुखिया रहते हुए अपने खर्च पर गांव में घर-घर राशन वितरण का अभियान शुरू किया, जो अब तक जारी है.


साफ-सफाई पर ज्यादा फोकस

राजस्थान की सबसे बुजुर्ग सरपंच विद्या देवी का स्वच्छता पर सबसे ज्यादा ध्यान है। सरपंच बनने के बाद उन्होंने सबसे पहला काम गांव की सफाई और गंदे पानी की निकासी की समस्या का समाधान किया। घर बैठे बच्चों की पढ़ाई बाधित होते देख वह जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को कॉपी-किताबें भी अपने खर्च से उपलब्ध कराती हैं।


खंडेला: पनिहारवास सरपंच तैयार कर रहे हैं खिलाड़ियों की फौज

अगर आपमें कुछ करने की चाहत है तो आप तमाम चुनौतियों को पार कर अपने सपनों की राह खोल सकते हैं। ऐसी ही एक प्रेरक सरपंच हैं पनिहारवास गांव की संजना सैनी। एमकॉम तक की पढ़ाई के बाद राजनीति की दहलीज पर कदम रखने वाले सरपंच की सोच ग्रामीणों के लिए राहत की राह भी खोल रही है। उन्होंने गांव के सीनियर सेकेंडरी और प्राइमरी स्कूलों में खेल का मैदान भी तैयार किया है। खेल मैदानों के दम पर यहां के कई खिलाड़ी लगातार राज्य का मान बढ़ा रहे हैं. वहीं जल संरक्षण की दिशा में उनका इनोवेशन भी चर्चा में है.

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