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रणथम्भौर की गुस्सैल बाघिन सुल्ताना बनी मां, फुटेज में देखें दो शावकों को दिया जन्म, सुरक्षा बढ़ी

रणथम्भौर की गुस्सैल बाघिन सुल्ताना बनी मां, फुटेज में देखें दो शावकों को दिया जन्म, सुरक्षा बढ़ी

रणथम्भौर टाइगर रिजर्व से एक बार फिर खुशखबरी सामने आई है। पार्क की सबसे गुस्सैल और चर्चित बाघिन सुल्ताना ने दो शावकों को जन्म दिया है। शावकों के जन्म के बाद बाघिन सुल्ताना उन्हें अपने मुंह में उठाकर इधर-उधर ले जाती नजर आई, जिससे इलाके में कुछ देर के लिए हलचल मच गई। सुरक्षा के मद्देनजर रणथम्भौर फोर्ट से गणेश धाम जाने वाले मार्ग को करीब आधे घंटे तक बंद करना पड़ा।

यह घटना शुक्रवार सुबह की है, जब कुछ श्रद्धालु रणथम्भौर फोर्ट स्थित गणेश धाम मंदिर के दर्शन के लिए पहुंचे थे। इसी दौरान उन्हें मंदिर मार्ग के पास बाघिन सुल्ताना दिखाई दी। श्रद्धालुओं ने तुरंत इसकी सूचना वन विभाग को दी। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और स्थिति को संभाला। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए फोर्ट से गणेश धाम जाने वाले गेट को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया।

वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, बाघिन सुल्ताना ने मिश्रदर्रा गेट के पास अपने दो शावकों को जन्म दिया है। यह क्षेत्र सुल्ताना की सबसे पसंदीदा जगहों में से एक माना जाता है। अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले भी सुल्ताना ने जितने भी शावकों को जन्म दिया है, वे इसी इलाके में, मिश्रदर्रा गेट के पास बनी गुफा के आसपास हुए हैं। यह स्थान बाघिन के लिए सुरक्षित और प्राकृतिक रूप से अनुकूल माना जाता है।

बाघिन सुल्ताना अपने आक्रामक स्वभाव के लिए जानी जाती है और अक्सर अपने क्षेत्र में किसी भी प्रकार की हलचल को बर्दाश्त नहीं करती। शावकों के जन्म के बाद उसका व्यवहार और ज्यादा सतर्क और आक्रामक हो गया है। इसी वजह से वन विभाग ने सुल्ताना और उसके शावकों की निगरानी और बढ़ा दी है। क्षेत्र में अतिरिक्त वनकर्मियों की तैनाती की गई है और पर्यटकों व श्रद्धालुओं की आवाजाही पर नजर रखी जा रही है।

वन विभाग का कहना है कि शावकों की सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता है। फिलहाल स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और कुछ समय बाद मार्ग को दोबारा खोल दिया गया। अधिकारियों ने श्रद्धालुओं और पर्यटकों से अपील की है कि वे वन्यजीवों से सुरक्षित दूरी बनाए रखें और किसी भी स्थिति में उन्हें उकसाने या उनके नजदीक जाने की कोशिश न करें।

रणथम्भौर में शावकों का जन्म वन्यजीव संरक्षण की दृष्टि से एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। इससे न केवल टाइगर रिजर्व की बाघ आबादी को मजबूती मिलेगी, बल्कि यह क्षेत्र के जैव विविधता संरक्षण के प्रयासों की सफलता को भी दर्शाता है।

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