रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में वनकर्मी की संदिग्ध हालात में मौत, वीडियो में जानें बेटा जूस लेने गया, लौटा तो नहीं मिले पिता

रणथम्भौर टाइगर रिजर्व से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक वनकर्मी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग और स्थानीय पुलिस में हड़कंप मच गया। फिलहाल पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया और उसके बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया है।
क्या है मामला?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृतक वनकर्मी रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में ड्यूटी पर तैनात था। शनिवार को अचानक उसकी लाश संदिग्ध अवस्था में रिजर्व क्षेत्र के भीतर मिली, जिससे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। साथी कर्मचारियों ने तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों और पुलिस को सूचना दी।
मौके पर पहुंची पुलिस व वन विभाग की टीम
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय थाना पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण कर जरूरी साक्ष्य जुटाए। शव की स्थिति और घटनास्थल के हालात को देखते हुए पुलिस ने मामला संदिग्ध मानते हुए मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराने का निर्णय लिया।
मेडिकल जांच के बाद सौंपा गया शव
पुलिस द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड ने पोस्टमार्टम प्रक्रिया पूरी की, जिसके बाद शव को कानूनी औपचारिकताओं के तहत परिजनों के हवाले कर दिया गया। रिपोर्ट आने तक मौत के कारणों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
परिवार में पसरा मातम
वनकर्मी की अचानक मौत से उसके परिवार और सहकर्मियों में गहरा शोक है। परिजनों का कहना है कि मृतक की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी और वह अपने काम को लेकर हमेशा जिम्मेदार रहा करता था। अब वे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।
पुलिस कर रही है जांच
स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अभी तक मामले में कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है, लेकिन हर पहलू से जांच की जा रही है। साथ ही वन विभाग के अधिकारियों से भी घटनाक्रम की जानकारी ली जा रही है। मोबाइल कॉल रिकॉर्ड, ड्यूटी रजिस्टर और सहकर्मियों के बयान भी खंगाले जा रहे हैं।
रणथम्भौर में पहले भी हुए हैं ऐसे मामले
रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में इससे पहले भी वनकर्मियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत या हमले की घटनाएं सामने आती रही हैं। इन घटनाओं के पीछे कभी जंगल माफिया, तो कभी मानसिक तनाव जैसे कारण रहे हैं। ऐसे में इस ताजा घटना ने एक बार फिर वन विभाग की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं।