ईसरदा बांध का निर्माण कार्य अंतिम चरण में, सवाई माधोपुर और दौसा के लोगों को जल्द मिलेगी पेयजल राहत

राज्य सरकार की पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने की प्राथमिकता के तहत ईसरदा बांध का निर्माण कार्य मिशन मोड पर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। यह बांध सवाई माधोपुर और दौसा जिलों के लाखों लोगों की पेयजल जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से तैयार किया जा रहा है। परियोजना का करीब 95 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है और अब यह अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है।
क्या है बांध की खासियत?
ईसरदा बांध को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि यह न केवल इन दोनों जिलों के लिए स्थायी जल स्रोत बनेगा, बल्कि बीसलपुर बांध से निकलने वाले अतिरिक्त (ओवरफ्लो) पानी को भी बनास नदी में रोकने में सक्षम रहेगा। इस प्रकार यह बांध भविष्य में जल संकट से निपटने में एक मजबूत विकल्प साबित होगा।
अब तक हुआ कितना कार्य?
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पियर्स और गेटों का कार्य पूर्ण हो चुका है।
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बांध की मुख्य संरचना लगभग तैयार है।
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केवल मिट्टी से बनने वाले हिस्से का आंशिक कार्य शेष है, जिसे भी जल्द पूरा किया जा रहा है।
क्यों है ईसरदा बांध महत्वपूर्ण?
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यह बांध बनने के बाद सवाई माधोपुर और दौसा के कई ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में नियमित पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करेगा।
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बांध से जुड़ी पाइपलाइन परियोजनाएं भी पैरेलल रूप से संचालित की जा रही हैं, ताकि जल वितरण प्रणाली को जल्द क्रियान्वित किया जा सके।
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बीसलपुर बांध का ओवरफ्लो पानी जो अब तक व्यर्थ बह जाता था, उसे अब ईसरदा में संग्रहित किया जा सकेगा, जिससे राज्य के जल भंडारण क्षमता में इजाफा होगा।
भविष्य की योजनाएं
बांध निर्माण के पूरा होते ही, राज्य सरकार की योजना है कि इसके आसपास के क्षेत्र में पर्यावरणीय और पर्यटन विकास के अवसर भी तलाशे जाएं। इससे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा, बल्कि बांध क्षेत्र को नया पहचान भी मिलेगी।