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Rohtas करगहर नवजात की मौत मामले में गठित टीम ने की जांच

Nainital दिल्ली, भोपाल के कई रसूखदार जांच के घेरे में

बिहार न्यूज़ डेस्क करगहर सीएचसी के मुख्य द्वार पर नवजात की मौत व महादलित द्वारा शव को ठेले पर लेकर जाने के मामले की डीएम द्वारा गठित टीम ने जांच की. टीम में शामिल डीडीसी विजय पांडेय, एसडीएम आशुतोष रंजन, डीपीएम अजय कुमार सिंह व सिविल सर्जन डॉ. केएन तिवारी ने सबसे पहले सिरसियां स्थित महादलित टोला में पीड़ित परिवारों से घटना की जानकारी ली.

बाबूलाल मुसहर ने बताया कि गत  वह अपनी गर्भवती पत्नी उषा देवी को स्थानीय सीएससी में भर्ती करने के लिए लेकर गए थे. भर्ती कराने के नाम पर आशा ने 0 रुपए लिए. कहा कि गर्भवती महिला की शरीर में खून नहीं है. गेट के बाहर अस्पताल में ले जाना पड़ेगा. नहीं तो बच्चा मर जाएगा. मैं पैसा के इंतजाम के लिए गांव पर चला आया. इस बीच एएनएम और आशा ने मेरी पत्नी को प्रसव गृह से बाहर निकाल दिया. मेरी पत्नी कराहती हुई बच्चे को जन्म दी. इलाज के अभाव में नवजात की मौत हो गई. मजबूरी में पत्नी और नवजात के शव को ठेले पर लेकर घर आया था. पीड़ित का बयान दर्ज करने के बाद टीम मौके पर पहुंची. सीएचसी के समीप स्थित निजी क्लीनिक की जांच की. अल्ट्रासाउंड मशीन, खून पेशाब जांच करने के लैब चिकित्सक सहित सभी कर्मियों की डिग्री मांगी गई. अस्पताल पहुंचते ही डीडीसी ने दवा भंडार स्टोर का निरीक्षण किया. टीम ने ओपीडी में मौजूद चिकित्सक, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम, एएनएम, आशा के अलावे लैब टेक्नीशियन और दवा भंडारण में नियुक्त कर्मी से पूछताछ की. डीडीसी ने बताया कि चिकित्सकों व अस्पताल कर्मियों की लापरवाही से नवजात की मौत हुई है. कहा इस संबंध में रिपोर्ट डीएम को सौंपेंगे. मौके पर बीडीओ धर्मेंद्र कुमार, सीओ राकेश कुमार थे.

 

रोहतास न्यूज़ डेस्क

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