बिहार न्यूज़ डेस्क शौच करने गई किशोरी का अपहरण कर दुराचार करने के करीब दो साल पुराने मामले में अपर जिला जज छह रामजी सिंह यादव की विशेष पॉक्सो अधिनियम की अदालत ने भानस ओपी क्षेत्र की कनियारी निवासी रूपेश भगत उर्फ कुंदन भगत को 10 साल के कारावास की सजा सुनाई.
साथ ही अभियुक्त पर विभिन्न धाराओं में 35 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना जमा नहीं करने पर अभियुक्त को छह माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी. वहीं विशेष अदालत ने पीड़िता की पुनर्वास को लेकर ढाई लाख रुपए मुआवजा भुगतान के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार को पत्र जारी करने का भी फरमान सुनाया है. कोर्ट ने जिला बाल कल्याण परिषद को निर्देश दिया है कि मुआवजा भुगतान कराने में सहयोग करें. ताकि पुनर्वास की राशि का बच्ची की सर्वोत्तम हित में उपयोग हो सके. मामले की प्राथमिकी किशोरी के पिता ने स्थानीय थाने में दर्ज कराई थी. फर्दबयान में किशोरी के पिता का कहना था कि 12 2022 की रात 10 बजे मेरी पुत्री घर के बाहर स्थित शौचालय में शौच करने गई थी. शौच करके वह बाहर चापाकल पर हाथ-पैर धो रही थी. उसका मुंह बांध दिया. उसे जबर्दस्ती चार पहिया वाहन में बैठाकर पटना ले गया. उसे छोटे से कमरे में रखा, जहां उसके साथ जबरन दुराचार किया था. बाद में उसे गाड़ी में बैठाकर वापस लाकर छोड़ दिया था. स्पेशल पीपी जनकराज किशोरी ने बताया कि ट्रायल के दौरान विशेष अदालत में चिकित्सक, एफएसएल विशेषज्ञ व अनुसंधानकर्ता समेत 11 गवाहों की गवाही करायी गई.
रोहतास न्यूज़ डेस्क