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Rohtas नयी पौध सीख रही पटना कलम चित्रशैली के गुर

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बिहार न्यूज़ डेस्क योर हेरिटेज और इंटैक पटना चैप्टर की ओर से नयी पौध पटना कलम के गुर सीख रही है.यह विलुप्त हो रही पटना चित्रशैली के पुनर्जीवन के लिए प्रयास है.

पटना कलम प्रशिक्षण के विशेषज्ञ जितेंद्र मोहन व रूपेश स्कूली बच्चों को समर कैंप के तहत प्रशिक्षण दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि लगातार प्रशिक्षण और अभ्यास से पटना कलम सीखना कठिन नहीं है.  सप्ताह का पटना कलम चित्र शैली प्रशिक्षण इन दिनों क्रिश्चियन कॉलोनी में हो रहा है. योर हेरिटेज की रचना और सविता कहती हैं कि पटना कलम शैली सिर्फ चित्र कला नहीं है बल्कि पटना से जुड़ी महत्वपूर्ण पहचान है. पटना कलम के लिए बाजार की कोई कमी नहीं है, लेकिन पहले गुणवत्तापूर्ण पेंटिंग्स तैयार करना होगा.

इंटैक पटना चैप्टर के भैरव लाल दास ने कहा कि अपनी विरासत को बचाना हमारा सामूहिक दायित्व है.

पटना कलम को विलुप्त होने से बचाने के लिए नई पीढ़ी के चित्रकारों को इस शैली का गहन प्रशिक्षण देना आवश्यक है. इसे ध्यान में रखते हुए यह प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया जा रहा है. पटना कलम चित्रकला शैली के प्रमुख चित्रकारों में सेवक राम, हुलास लाल, जयराम, शिवदयाल नाल आदि हैं. इस कला के विद्वानों में ईश्वरी प्रसाद वर्मा को पटना कलम का अंतिम चित्रकार माना जाता है.

बीबीए और बीसीए के लिए मिली मान्यता

मैनेजमेंट व व्यावसायिक शिक्षा को संचालित करने वाले शिक्षण संस्थान पाटलिपुत्रा कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल एजुकेशन को ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) द्वारा मान्यता प्रदान की गई. यह जानकारी संस्थान की ओर से दी गई. संस्थान को बीसीए व बीबीए पाठ्यक्रमों के लिए मान्यता दी गई है. खेमनीचक स्थित संस्थान में बीसीए और बीबीए में 180-180 सीटें उपलब्ध हैं. इस उपलब्धि पर संस्थान के शिक्षकगण व अन्य कर्मियों ने निदेशक को बधाई व शुभकामनाएं दी.

 

रोहतास न्यूज़ डेस्क

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