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Rohtas फर्जी का असली शिक्षकों से पटना में होगा आमना-सामना

Noida फर्जी दस्तावेज तैयार कर लोगों की जमीन हड़पी

बिहार न्यूज़ डेस्क जिले की सरकारी विद्यालयों में 135 नियोजित शिक्षक पठन-पाठन का काम कर रहे हैं. लेकिन, सक्षमता परीक्षा में शामिल होने का मौका मिला तो 6509 ही आगे आए. इस प्रकार 5526 शिक्षकों ने अब भी सक्षमता परीक्षा से दूरी बना रखी है.

सक्षमता परीक्षा में शामिल होने वाले 6409 नियोजित शिक्षकों की बायोमेट्रिक जांच की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. परीक्षा में शामिल 23 शिक्षक ऐसे मिले हैं, जिनकी शिक्षक पात्रता परीक्षा के साथ अन्य प्रमाण पत्र पर एक से ज्यादा लोग राज्य के अलग-अलग जिलों में नौकरी कर रहे थे. अब ऐसे शिक्षकों की कागजात की जांच के लिए पटना मुख्यालय बुलाया गया था. जिसमें  शिक्षक शामिल हुए. सात शिक्षक जांच के लिए नहीं पहुंचे.

विभाग में अब इसे ले रणनीति में बदलाव की है. अब सभी वैसे शिक्षकों को पटना बुलाया गया है, जो एक ही प्रमाण पत्रों पर एक ही नाम से अलग-अलग जगहों पर नौकरी कर रहे हैं. ताकि जब इन शिक्षकों का आमना सामना होगा व पता चले कि इसमें फर्जी कौन है व सही कौन है. बताया जाता है कि सक्षमता परीक्षा में शामिल होने वाले वैसे शिक्षकों जिनके प्रमाण पत्र पर एक से ज्यादा शिक्षक कार्यरत हैं, उन्हें 11-13  के बीच पटना बुलाया गया है, जहां कागजातों की जांच होगी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस दौरान फर्जी पाए गए शिक्षक को ऑन स्पॉट एफआईआर होगी. ऑनलाइन तरीके से इन सभी शिक्षकों के प्रमाण पत्रों को फिल्टर्ड करने की योजना बनी है. गौरतलब हो कि सरकारी विद्यालयों में प्रारंभ से ही नियोजन प्रक्रिया सवालों के घेरे में रही है. अंकों के आधार पर साल 06 से बहाली शुरू हुई थी. इस दौरान बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया था. उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी सैकड़ो फर्जी शिक्षक नौकरी कर रहे हैं.

जांच में दोषी मिले तीन शिक्षकों की सेवा नहीं की गई खत्म निगरानी विभाग की जांच में दोषी मिले फर्जी शिक्षकों पर प्राथमिकी होने के बावजूद भी कई शिक्षकों की सेवा समाप्त नहीं हो सकी है. जिसे ले प्राथमिक शिक्षा के निदेशक मिथिलेश मिश्रा ने डीईओ को पत्र जारी की है. कहा है कि जिन शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज करायी गई है, उनकी सेवा समाप्त करने के लिए पूर्व में कई बार निर्देश दिया गया है. कहा गया कि निगरानी की जांच में 2126 फर्जी शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज की गई. लेकिन, 1310 की ही सेवा समाप्त की गई है. अब भी 8 शिक्षकों की सेवा समाप्त नहीं की गई है. ऐसे में बचे शिक्षकों की सेवा समाप्ति की कार्रवाई जल्द करें.

वहीं जिले की बात करें तो निगरानी जांच के दौरान 75 शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. यह मामला  से 23 के बीच की है. यानी आठ वर्षों में निगरानी विभाग महज 75 फर्जी शिक्षकों को पकड़ सकी है. इनमें भी 72 फर्जी शिक्षकों की सेवा समाप्त हुई है.

 

रोहतास न्यूज़ डेस्क

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