
हरियाणा न्यूज़ डेस्क, दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम का स्मार्ट मीटर तो लग गया, लेकिन इसके बाद से उनका गलत बिजली बिल आ रहा है. यह बिल किसी अन्य उपभोक्ता के नाम से आ रहा है. तीन माह से कनेक्शन को सही करवाने के लिए उपभोक्ता धक्के खाता रहा. समाधान न होने पर उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम की बैठक में पीड़ित ने अपनी शिकायत दर्ज करवाई.
सेक्टर-23 की अपना घर सोसाइटी निवासी टीएम रवि ने सेक्टर-23 स्थित सर्कल कार्यालय में फोरम की बैठक की अध्यक्षता कर रहे अधीक्षण अभियंता नरेश कुमार कक्कड़ को बताया कि उसके घर का बिजली मीटर उसकी पत्नी राधा रवि के नाम पर है. अगस्त महीने में उनकी सोसाइटी में बिजली निगम की ओर से पुराने मीटरों को बदलकर स्मार्ट मीटर लगाए गए थे. स्मार्ट मीटर लगाने के बाद उनका बिजली बिल किसी नरेश अरोड़ा के नाम आने लगा. पहला बिल हजार रुपये का आया. फिर दूसरा बिजली बिल तीन हजार रुपये का. जबकि इससे पहले उनके बिजली बिल 500-600 रुपये के आते थे. पीड़ित ने अधीक्षण अभियंता को बताया कि इस मामले की शिकायत स्मार्ट मीटर लगाने वाले कर्मचारियों और जेई से की गई थी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ
गलत बिल भेजने की समस्या से परेशानी
सेक्टर-62 निवासी बिजली उपभोक्ता राजेश कुमार का बिजली बिल 56 दिन का बनना था, लेकिन मीटर रीडर ने 100 दिन का बना दिया. इससे स्लैब बदल गया. जिससे उनका बिजली बिल 1,500 रुपये ज्यादा आ गया है. जबकि वह पुराना बिल भर चुके हैं. एक अन्य मामले में बिजली उपभोक्ता सुभाष तेवतिया ने बिजली के झुके हुए बिजली खंभे को बदलने और ट्रांसफार्मर का लोड बदलने के लिए शिकायत पत्र दिया. उपभोक्ता ने अधीक्षण अभियंता को बताया कि बिजली खंभा पिछले काफी समय से झुका हुआ है. यह खंभा कभी भी गिर सकता है. इससे कभी भी जान-माल का नुकसान हो सकता है. ट्रांसफार्मर का लोड कम होने से भी समस्या बनी हुई है. अधीक्षण अभियंता ने संबंधित उपमंडल अधिकारियों को सभी शिकायतों का सात दिन में समाधान करने का आदेश दिया. फोरम की बैठक में कार्यकारी अभियंता जितेंद्र ढुल, उपमंडल अधिकारी ओके भारद्वाज आदि मौजूद थे.
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