![Nainital कब्जे में लें कूड़ा वाहन, रुकावट डालें तो केस कराएं, हल्द्वानी में सफाई कर्मियों की हड़ताल से फैले कूड़े पर हाईकोर्ट गंभीर, कहा, पूरे शहर को बंधक नहीं बनाया जा सकता](https://samacharnama.com/static/c1e/client/79965/uploaded/2b13a525a3e0acb1ede6321879f4789c.jpg?width=730&height=480&resizemode=4)
हरियाणा न्यूज़ डेस्क, नगर निगम द्वारा निर्माणाधीन डीएनडी-केएमपी एक्सप्रेसवे की जमीन पर तीन जगह कूड़ा डाला जा रहा है. कूड़े से फैल रही दुर्गंध निर्माण कार्य में लगे इंजीनियर और मजदूरों की परेशानी का सबब बनी हुई है. एनएचएआई प्रबंधन द्वारा नगर निगम प्रशासन को कई बार पत्र लिखने के बावजूद कूड़ा नहीं हटाया गया है.
बीपीटीपी पुल के नजदीक डीएनडी-केएमपी एक्सप्रेसवे पर 1700 मीटर लंबा फ्लाईओवर बनाया जा रहा है. इस फ्लाईओवर के पास नगर निगम द्वारा अधिकृत की गई कूड़ा उठाने वाली कंपनी इकोग्रीन ने कूड़ा केंद्र बनाया हुआ है. यहां पर शहर के एक बड़े हिस्से का कचरा यहां पर डाल दिया जाता है. इसके बाद यहां से गाड़ियों में लादकर यह कचरा बंधवाड़ी प्लांट में पहुंचाया जाता है. यह कचरा कूड़ा केंद्र से बाहर इस एक्सप्रेसवे की जमीन पर निर्माणाधीन फ्लाईओवर के नीचे भी पड़ा हुआ है. कचरे के सड़ने के कारण इसमें से भयंकर दुर्गंध निकलती है. इस दुर्गंध के बीच यहां काम करने वाले इंजीनियर और मजदूरों के लिए काम करना काफी मुश्किल हो रहा है. मजदूरों को मुंह पर सुआफी बांधकर काम करना पड़ता है. दुर्गंध इतनी भयंकर होती है कि यहां से निकलने वाले राहगीरों को भी अपनी सांस रोकनी पड़ती है. ओल्ड फरीदाबाद सेक्टर-18 के पास भी इस एक्सप्रेसवे पर कूड़ा डाला जा रहा है. यहां पड़ा कूड़ा भी फ्लाईओवर का निर्माण कार्य कर रहे मजदूरों के लिए मुसीबत बना हुआ है. इसके अलावा सेक्टर-29 के आस-पास भी एक्सप्रेसवे की जमीन में कूड़ा पड़ा हुआ है.
ग्रैप की वजह से बंद है एक्सप्रेसवे का निर्माण
बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए लागू किए गए ग्रैप (ग्रांडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) चार की वजह से 59 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य बंद है. इस एक्सप्रेसवे का तीसरा खंड सेक्टर-65 मलेरना मोड़ से लेकर पलवल के मंडकौला गांव के पास केएमपी एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के इंटरचेंज तक पूरा हो चुका है. इस पर ट्रैफिक भी दौड़ रहा है. इस एक्सप्रेसवे का दूसरा खंड दिल्ली जैतपुर से लेकर सेक्टर-65 मलेरना मोड़ तक है. दूसरे खंड में शहर का अधिकांश हिस्सा शहर की सीमा में है. इस हिस्से में आगरा-गुरुग्राम नहर पर सेक्टर-37 के सामने से लेकर सेक्टर-65 तक 17 फ्लाईओवर और अंडरपास बनाए जा रहे हैं. जबकि पहला खंड दिल्ली की सीमा में बनाया जा रहा है.
कूड़े की वजह से एक्सप्रेसवे पर काम कर रहे इंजीनियर और मजदूरों को समस्या आ रही है. नगर निगम प्रशासन को कई पत्र लिखे जा चुके हैं. फिर भी कूड़ा नहीं हटाया गया है.
-वीके जोशी, परियोजना निदेशक, एनएचएआई
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