छात्रों में तकनीकी दक्षता को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए जिला प्रशासन ने करीब 12,000 छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और कोडिंग का प्रशिक्षण देने का कार्यक्रम तैयार किया है। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (2020) की सिफारिशों के अनुरूप है, जिसके तहत प्रत्येक छात्र को प्रति सप्ताह एक घंटे एआई और कोडिंग क्लास में भाग लेना अनिवार्य है। अधिकारियों ने दावा किया कि करनाल इस कदम को अपनाने वाला राज्य का पहला जिला है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह कदम जिले के 29 सरकारी स्कूलों - 11 सरकारी मॉडल संस्कृति स्कूल और 18 पीएम-श्री सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में शुरू किया जा रहा है। जिला विज्ञान विशेषज्ञ दीपक वर्मा ने बताया कि बोर्ड कक्षाओं (दसवीं और बारहवीं) को इस परियोजना से बाहर रखा गया था क्योंकि इन कक्षाओं की परीक्षाएं नजदीक आ रही थीं। अधिकारियों ने बताया कि छात्रों को आवश्यक डिजिटल कौशल से लैस करने और उन्हें भविष्य की तकनीकी प्रगति के लिए तैयार करने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम 3 फरवरी को शुरू हुआ था। इन स्कूलों के शिक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे प्रशिक्षण सत्रों को अपने साप्ताहिक समय सारिणी में शामिल करें।

