Samachar Nama
×

Ranchi श्रमिकों को सुरक्षा उपकरण देने के बाद भी इस्तेमाल नहीं करने पर हादसे के लिए प्रबंधन जिम्मेदार नहीं', हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

s

रांची न्यूज डेस्क।। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने एक फैसले में कहा कि प्रबंधन द्वारा सुरक्षा उपकरण मुहैया कराने के बाद भी अगर श्रमिक इसका उपयोग नहीं करते हैं तो काम के दौरान किसी दुर्घटना के लिए प्रबंधन को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. कोर्ट ने बीएमसीएल मेटल कास्ट प्राइवेट लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई करते हुए सरायकेला के निचली अदालत के संज्ञान को उचित नहीं माना.

अदालत ने कंपनी के निदेशक के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही रद्द कर दी। सरायकेला के आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में काम करने के दौरान एक कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गया. कर्मचारी ने मुआवजे के लिए केस दायर किया.

हादसे के लिए फैक्ट्री प्रबंधन (बीएमसीएल मेटल कास्ट प्राइवेट लिमिटेड) को जिम्मेदार ठहराया और मुआवजा देने की मांग की. इस मामले में सरायकेला सिविल कोर्ट के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने संज्ञान लिया और आपराधिक कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया.

फैक्ट्री प्रबंधन ने हाईकोर्ट में अर्जी दी
फैक्ट्री प्रबंधन ने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की. सुनवाई के दौरान कंपनी की ओर से दलील दी गई कि फैक्ट्री अधिनियम, 1948 की धारा 92 के तहत अदालत का संज्ञान अनुचित था, क्योंकि सुरक्षा उपायों में कथित खामियों के लिए कंपनी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।

खासकर तब जब कर्मचारी ने खुद ही सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने की बात स्वीकार की हो. राज्य सरकार ने कहा कि चूंकि हादसा फैक्ट्री परिसर के अंदर हुआ, इसलिए फैक्ट्री प्रबंधक को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए. कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को रद्द कर दिया.

झारखंड न्यूज डेस्क।।

Share this story

Tags