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Ranchi ‘नई कहानी दौर के अहम कथाकार थे मधुकर’
 

Ranchi ‘नई कहानी दौर के अहम कथाकार थे मधुकर’


झारखण्ड न्यूज़ डेस्क, हरमू के विद्यापति दालान में  मधुकर गंगाधर के समग्र साहित्यिक मूल्यांकन पर गोष्ठी हुई. इसमें शहर के कई साहित्य प्रेमी शामिल हुए.
मौके पर प्रो डॉ नरेंद्र झा ने कहा कि मधुकर गंगाधर नई कहानी दौर के बेहद महत्वपूर्ण कथाकार थे. वे किसी आंदोलन को नहीं मानते थे. उनकी कहानियों में जहां लोकराग की जीवंतता है, वहीं वैचारिकता की उष्मा भी है.
दूरदर्शन के पूर्व निदेशक प्रमोद झा बोले, रेणु की माटी के कथाकार मधुकर गंगाधर की कहानियों में सामाजिक अंतर्विरोध, आर्थिक विषमताएं, शोषित वर्ग के प्रति संवेदनशीलता और सांस्कृतिक विडंबनाओं का प्रत्यक्ष वर्णन मिलता है. डॉ कृष्णमोहन झा मोहन ने कहा कि मधुकर जीवन के अंतिम क्षण तक साहित्य सृजन मे व्यस्त रहे.

इन्होंने भी रखे विचार
मैथिली के वरिष्ठ लेखक केदार कानन ने कहा कि विख्यात डा वरुण कुमार तिवारी ने मधुकर गंगाधर के साहित्य का समग्र मूल्यांकन किया है. कथाकार अमरनाथ झा बोले, ग्रामीण अनुभव की पूंजी और लोक जीवन की संवेदना के कथाकार मधुकर के साहित्य पर यह आलोचनात्मक कृति हिंदी साहित्य के लिए भी अहम है.

राँची न्यूज़ डेस्क !!!
 

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