Ranchi ब्राउन शुगर की लत छोड़ने 50 मरीज हर दिन पहुंच रहे अस्पताल, समुचित इलाज और आपूर्ति को रोककर बचाया जा सकता नशे की लत से, 20 से 35 वर्ष के ज्यादा शिकार

झारखण्ड न्यूज़ डेस्क, राज्य में ब्राउन शुगर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. रिनपास, सीआईपी और निजी क्लिनिकों को मिलाकर हर दिन 50 के करीब मरीज सिर्फ रांची पहुंच रहे हैं. इसके अलावा सिर्फ सीआईपी में 20 के करीब मरीज भर्ती रह रहे हैं. चिकित्सकों ने बताया कि यह परेशान करने वाली बात है कि ब्राउन शुगर लेने वाले मरीजों की उम्र 20 से 35 के आयुवर्ग की है. इनमें सबसे अधिक पैसे वाले घरों के लड़के हैं.
न्यूरोसाइकेट्रिस्ट डॉ रवि रोहन ने बताया कि ब्राउन शुगर की लत बड़ी आसानी से लग जाती है. यह महंगा नशा होता है. इसे जब खुद खरीदने के पैसे लोगों के पास नहीं होते हैं तो फिर दूसरों को बेचना शुरू कर देते हैं. चिकित्सकों का कहना है कि इसे दो तरीके से रोका जा सकता है. पहला इलाज के जरिए और दूसरा इसकी आपूर्ति को रोककर. इसके लिए सरकार को पहल करनी चाहिए, अन्यथा जिस तेजी से लोग इसका नशा कर रहे हैं, उससे चिंताजनक स्थिति बनेगी.
एड्स के भी शिकार हो जा रहे हैं मरीज
ब्राउन शुगर लेने वाले कई मरीज एचआईवी एड्स के भी शिकार हो जा रहे हैं. डॉ रवि ने बताया कि ब्राउन शुगर को युवा सूई के माध्यम से लेते हैं. बार-बार एक ही इंजेक्शन का प्रयोग कई नशेड़ी करते हैं, जिससे एचआईवी संक्रमण का खतरा होता है. इसकी जद में भी कई नशेड़ी आ चुके हैं. जब वे नशा मुक्ति केंद्र पहुंच रहे हैं, तब जाकर जांच में इसका खुलासा हो रहा है.
इलाज की प्रक्रिया क्या
● पहले कुछ दिन नशा के असर को कंट्रोल करना
● एंटी क्रेविंग एजेंट दिया जाता है, साथ में थेरेपी
● लगभग दो सप्ताह तक डिटोक्सीफिकेशन
● दिमागी तौर पर रोगी को तैयार किया जाता है कि कैसे रोकना है शामिल होने से
● डेढ़ महीने तक भर्ती कर किया जाता है इलाज
● चार से छह महीने तक चलती रहती है दवा की प्रक्रिया
राँची न्यूज़ डेस्क !!!