
झारखण्ड न्यूज़ डेस्क, राज्य के वित्तरहित संस्थानों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यों पर सवाल उठाए हैं. वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने कहा कि डीईओ राज की समाप्ति होनी चाहिए. जैक के साथ वार्ता के बाद मोर्चा का कहना था कि डीईओ के द्वारा जो निरीक्षण रिपोर्ट आती है उसमें कई कमी परिषद की ओर से पायी जाती है. फिर से उन्हीं डीईओ को प्रतिवेदन देने के लिए कहा जाता है, जो उचित नहीं है.
उन्होंने कहा कि पहले भी जैक में निरीक्षण दल में वरीय शिक्षक या अंगीभूत कॉलेज के प्राचार्ज संयोजक होते थे, लेकिन अभी अधिनियम के विपरीत डीईओ को संयोजक बना दिया जाता है, जो अधिनियम नियमावली के विपरीत है. मोर्चा के नेताओं का कहना था कि पंजीयन में आवश्यक कर दिया गया है, पहले पंजीयन भरने के बाद डीईओ के पोर्टल पर भेजना है. उसके बाद डीईओ ऑनलाइन अनुमोदन करते हैं. जब इंटरमीडिएट कॉलेज में सीट निर्धारित है और निश्चित सीट से एक भी ज्यादा ऑनलाइन नहीं हो सकते हैं तो फिर डीईओ के पोर्टल पर भेजने की क्या आवश्यकता है. मोर्चा के नेताओं ने कहा कि डीईओ के द्वारा जैक को ऑनलाइन करने के लिए अनावश्यक परेशान करते हैं. संस्थान को सीधे जैक पोर्टल पर भेजने का निर्णय लिया जाए, ताकि स्कूल-कॉलेज का आर्थिक शोषण ना हो सके. जैक के साथ हुई बैठक में जैक के अध्यक्ष डॉ अनिल कुमार महतो, सचिव एसडी तिग्गा, मोर्चा से रघुनाथ सिंह, अरविंद सिंह, हरिहर प्रसाद कुशवाहा, फजलुल कादरी अहमद, मनीष कुमार, रणजीत मिश्रा, देवनाथ सिंह, बिरसो उरांव, गणेश महतो, नरोत्तम सिंह और रघु विश्वकर्मा शामिल थे.
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