
झारखण्ड न्यूज़ डेस्क, डाल्टनगंज के विधायक आलोक चौरसिया के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई पूरी करने के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. उनके निर्वाचन को कांग्रेस उम्मीदवार केएन त्रिपाठी ने चुनौती दी है.
आलोक चौरसिया की ओर से पक्ष रखते हुए वरीय अधिवक्ता वीपी सिंह ने अदालत को बताया कि झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) एक्ट की धारा 28 के अनुसार जैक कोई कार्रवाई या आदेश पारित करता है तो उसे न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती. आलोक चौरसिया की ओर से यह भी कहा गया कि जब जैक ने उनकी जन्मतिथि में संशोधन कर दिया है और वह अब ठीक हो चुका है तो उसे किसी अदालत में चैलेंज नहीं किया जा सकता है, तो फिर इलेक्शन पिटिशन में इसे चुनौती देना गलत है. आलोक चौरसिया ने जैक में फॉर्म भरते समय गलती से जन्मतिथि में वर्ष 1995 भर दिया था. बाद में उन्हें महसूस हुआ कि गलत भरा गया है, लेकिन वे उस समय ठीक नहीं करा सके थे. बाद में उन्होंने वर्ष 2012 में अपने जन्म तिथि में सुधार की कार्रवाई शुरू की थी. इसके बाद वर्ष 2014 में उनकी जन्मतिथि में झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने सुधार किया था. केएन त्रिपाठी की ओर से कहा गया कि विधानसभा चुनाव के नामांकन के समय में आलोक चौरसिया की उम्र 25 वर्ष से कम थी. इसलिए वह चुनाव लड़ने के योग्य नहीं थे, इसलिए उनका निर्वाचन रद्द कर दिया जाना चाहिए.
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