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Ranchi डीजीपी को प्रतिवादी बनाने का निर्देश, बार कौंसिल के पत्र पर प्राथमिकी दर्ज नहीं करने का मामला
 

Ranchi डीजीपी को प्रतिवादी बनाने का निर्देश, बार कौंसिल के पत्र पर प्राथमिकी दर्ज नहीं करने का मामला


झारखण्ड न्यूज़ डेस्क,  जमशेदपुर जिला बार संघ में वित्तीय अनियमितता के मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं किए जाने पर हाईकोर्ट ने राज्य के गृह सचिव, डीजीपी और जमशेदपुर के एसएसपी को प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया है. एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने यह निर्देश दिया. अदालत ने डीजीपी को शपथपत्र दाखिल करने का भी निर्देश दिया है.
शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान बार कौंसिल की ओर से अदालत को बताया गया था कि ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर जमशेदपुर के एसएसपी को प्राथमिकी दर्ज कर जांच करने को कहा गया था. इस पर अदालत ने सरकार से यह बताने को कहा था कि बार कौंसिल के आवेदन पर क्या कार्रवाई की गई.  सरकार की ओर से बताया गया कि प्राथमिकी दर्ज करने और जांच को लेकर बार कौंसिल का पत्र मिल गया है, जिसे स्टेशन डायरी में दर्ज कर लिया गया है. इस पर अदालत ने पूछा कि कौंसिल के पत्र पर प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज की गई. साथ ही गृह सचिव को शपथपत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी.

पूर्व में इस मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने बार कौंसिल से पूछा था कि अनियमितता की रिपोर्ट आने के बाद कौंसिल की ओर से अब तक क्या कार्रवाई की गई है. इस दौरान अदालत ने मौखिक रूप से कहा था कि जब आडिट रिपोर्ट में अनियमितता की बात सामने आई है तो दो साल बाद भी कौंसिल की ओर से अब तक क्यों नहीं कार्रवाई की गई. अगर मामले में दोषियों के खिलाफ काउंसिल कोई कार्रवाई नहीं करता है, तो अदालत को इस मामले में आदेश पारित करना पड़ेगा.
इस संबंध में राजेश जायसवाल ने याचिका दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि जमशेदपुर जिला बार संघ में वित्तीय अनियमितता की गई है. कोर्ट के निर्देश के बाद बार कौंसिल ने इसकी जांच कराई थी और सीलबंद रिपोर्ट पेश की गई थी. रिपोर्ट देखने के बाद अदालत ने माना था कि वित्तीय अनियमितता हुई थी. इसके बाद अदालत ने बार कौंसिल को कार्रवाई करने को कहा था.

राँची न्यूज़ डेस्क !!!
 

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