Raipur हजारों वर्ष पुरानी पद्धति से होगा असाध्य रोगों का उपचार, रायपुर में खुली आरोग्य कलश की पहली शाखा

छत्तीसगढ़ न्यूज़ डेस्क, भविष्य में होने वाली घातक बीमारियां, आनुवांशिक विकृतियां, असाध्य रोगों व विभिन्न प्रकार के दवाओं के दुष्प्रभावों की चपेट में आकर लोग कई सालों तक परेशान रहते हैं. ऐसे रोगों के इलाज के लिए लोग कई चिकित्सकों के पास जाते हैं. इसके बावजूद निरोग नहीं हो पाते. लेकिन, अब रायपुर में हजारों वर्ष पुरानी चिकित्सा पद्धति के जरिए ऐसे असाध्य रोग का इलाज संभव होगा. अंतर्राष्ट्रीय संस्था आरोग्य कलश में तमाम तरह के असाध्य रोगों का इलाज मिलेगा. रायपुर में इस संस्था की मुख्य शाखा का विधायक सत्यनारायण शर्मा ने शुभारंभ किया. संस्था के संस्थापक डॉ. ज्ञानीदास मानिकपुरी व डॉ. बेलपतिया मानिकपुरी ने बताया कि यहां बिना दवा रोग मुक्त सेवा कार्य करने का लक्ष्य रखा है.
कार्यक्रम में ये रहे मौजूद: कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार आचार्य अमरनाथ त्यागी, विशिष्ट अतिथि डॉ. पीके अग्रवाल (रिटायर्ड आईएएस) एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (वेस्ट बंगाल), डॉ. महेन्द्र कुमार ठाकुर रिटायर्ड एडिशनल कमिश्नर सेल्स टैक्स, ज्योतिष महाचार्य, वरिष्ठ साहित्यकार व नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. मनीष शरण श्रीवास्तव, अंतरराष्ट्रीय महासचिव लोकेश कावड़िया, इंटर कान्टीनेन्टल, सर्विस आर्गेनाइजेशन राजेन्द्र तांबोली, कैलाश अग्रवाल, उर्मिला मेमोरियल हास्पिटल भाटागांव के सर्जन डॉ. विनोद सिंह, फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. संदीप गोस्वामी शामिल हुए.
इनका होगा इलाज
डॉ. ज्ञानीदास मानिकपुरी व डॉ. बेलपतिया मानिकपुरी ने बताया कि नसों से संबंधित बीमारी, लकवा, गठिया, मांसपेशियों की कमजोरी, सभी जोड़ों का दर्द, मानसिक रोग, हृदय रोग, हार्मोंस का असंतुलन, अस्थी मज्जा निर्माण, सर्वाइकल स्पांडिलाइटिस, स्लीपडिस्क जैसी बीमारियों का पारंपरिक पद्धति से इलाज किया जाएगा. इसके अलावा मोटापा कम करने, अनुवांशिक बीमारियों के इजाज एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी विशेष सफलता हासिल की गई है.
रायपुर न्यूज़ डेस्क !!!