Raipur बिना पर्यावरण एनओसी रेत का कारोबार, घाट को जांचने अब तक नहीं पहुंचा अमला, सिर्फ गाड़ियां ही जब्त कर रहा खनिज विभाग

छत्तीसगढ़ न्यूज़ डेस्क, . जिले में अवैध रेत का उत्खनन रोकने में खनिज व राजस्व अधिकारी नाकाम साबित हो रहे हैं. बिना पर्यावरण से एनओसी लिए ही सभी रेत खदानों में रेत का उत्खनन शुरू हो गया है. बड़ी बात यह है कि आज तक खनिज अमला रेत घाट में जांच करने नहीं पहुंचा है. सिर्फ मुख्य सड़कों पर ट्रकों पर कार्रवाई की जा रही है. विभाग ने भी बिना सीमांकन करवाए ही छह रेत घाटों का टेंडर जारी कर दिया है.
खनिज विभाग के मुताबिक वर्ष 2021 से लेकर सितंबर 2022 की अवधि के दौरान जिले में अवैध रेत परिवहन के कुल 165 प्रकरण दर्ज किए गए हैं. इन सभी प्रकरणों में गाड़ियों के मालिकों से चालान वसूला गया है. अक्टूबर 2022 से लेकर फरवरी 2023 माह के दौरान भी विभाग ने अवैध परिवहन में संलिप्त करीब 70 से ज्यादा गाड़ियों को पकड़कर उनके खिलाफ चालानी कार्रवाई की है.
देर रात शुरू होता है अवैध कारोबार
जिले के ग्रामीण अंचलों में अवैध उत्खनन का कार्य देर रात ही शुरू होता है. खनिज विभाग की टीम जब भी रात में जिले के खदानों के आसपास सड़कों पर गश्त करने निकली है, तब-तब टीम ने अवैध परिवहन में संलिप्त कई गाड़ियों को पकड़ा है. इनमें रेत के अलावा मुरुम और गिट्टी से भी गाड़ियां भी शामिल हैं. इस कार्रवाई से पता चलता है कि खदानों में रात के समय में अवैध रूप से उत्खनन कर रेत चोरी कर उसे बेचने के लिए परिवहन किया जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद रात्रि गश्त और औचक निरीक्षण नहीं किया जा रहा है.
कार्रवाई के नाम पर सिर्फ चालान कर छोड़ रहे हाइवा
अवैध रेत के परिवहन में संलिप्त गाड़ियों के मालिकों को भी चालान राशि लेकर छोड़ दिया जाता है, जबकि खदानों से रेत का अवैध रूप से उत्खनन कराने वालों का पता लगाने का प्रयास तक नहीं किया जाता है. इससे पता चलता है कि अवैध रेत का कारोबार के पीछे कुछ बाहुबलियों का संरक्षण प्राप्त है, जिस पर विभाग तो क्या प्रशासन के आला अफसर भी हाथ डालने में कतरा रहे हैं.
दो इंस्पेक्टर के भरोसे जिला
जिला खनिज विभाग में उपसंचालक, सहायक खनिज अधिकारी और दो इंस्पेक्टर सहित करीब 13 कर्मचारी पदस्थ हैं. इस तरह देखा जाए तो रायपुर जिला दो इंस्पेक्टर के भरोसे चल रहा है, जिन्हें नियमित रूप से खदानों का ना केवल निरीक्षण करना रहता है, बल्कि रेत का अवैध उत्खनन, भंडारण और परिवहन नहीं हो इसकी भी निगरानी करनी होती है, लेकिन संख्या कम होने के कारण दोनों इंस्पेक्टर भी नियमित रूप से रेत खदानों का निरीक्षण नहीं कर पाते हैं.
जिले की 6 खदानों का टेंडर दिया गया है, पर्यावरण विभाग से एनओसी नहीं होने के कारण खदानों में रेत का उत्खनन का काम अभी शुरू नहीं हुआ है. रेत का अवैध कारोबार रोकने के लिए विभाग लगातार कार्रवाई करता है.
केके गोलघाटे, उप संचालक, खनिज विभाग
सख्ती का आदेश सिर्फ कागजों में
हर महीने करोड़ों रुपए की रेत का अवैध उत्खनन कर राजस्व की चोरी की जा रही है. बाजार में उसी रेत को महंगे दामों पर बेचकर रेत माफिया करोड़ों रुपए कमा रहे हैं. रेत के अवैध कारोबार को रोकने के लिए कलेक्टर ने कई बार आदेश भी जारी किए, लेकिन यह आदेश सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गया. क्योंकि, इस मामले में अब तक विभागीय कार्रवाई सिर्फ खानापूर्ति साबित हुई है. विभाग की टीम कई महीनों में निरीक्षण पर निकलती है. उसमें भी सिर्फ अवैध रेत परिवहन में शामिल गाड़ियों को सड़कों पर पकड़कर कार्रवाई करती है, जबकि खदानों पर जहां अवैध रेत का उत्खनन होता है, वहां टीम झांकने तक नहीं जाती.
रायपुर न्यूज़ डेस्क !!!