
छत्तीसगढ़ न्यूज़ डेस्क, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की आवासों के नियमितीकरण की महत्वाकांक्षी योजना का लाभ जिले के हजारों लोग उठाना चाहते हैं. इस योजना का प्रसार-प्रचार उम्मीद के मुताबिक नहीं किया गया है. बावजूद लोग धीरे-धीरे निगम के दफ्तर तक पहुंच रहे हैं. आवेदन देने वालों को जिस तरह से महीनों तक चक्कर काटना पड़ रहा है. इससे अन्य लोग आवेदन करने से गुरेज कर रहे हैं.6 माह से लगा रहे हैं चक्कर
शांतिनगर, भिलाई में रहने वाले श्रीनिवास राव बताते हैं कि सितंबर 2022 से इसको लेकर प्रोसेस शुरू किया.
आर्किटेक के पास गया. दस्तावेज पूरा किया. निगम में आकर दस्तावेज जांच करवाया. वहां से सब सही होने के बाद उसे दिसंबर 2022 में सबमिट किया. दस्तावेज जमा करने के बाद निगम में फिर से जानकारी लेने गए, तब बताया गया कि अब टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग, दुर्ग में जाकर पता करो. आवेदन निगम में दस्तावेज जमा कर रहा है और जानकारी लेने के लिए उसे टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग, दुर्ग जाने कहा जा रहा है. वहां उसे कौन जानता है, जहां आवेदन दिया ही नहीं, वहां किससे मिलेगा.
दुर्ग जाने पर यह मिल रहा जवाब
उन्होंने बताया कि दुर्ग जाने पर अधिकारी बता रहे हैं कि आवेदन बहुत है, धीरे-धीरे करके निपटारा किया जा रहा है. ऐसा कहते हुए अब 6 माह बीत गया है. ऐसे में योजना का लाभ जैसे मिलना था, वह समय पर नहीं मिल रहा है. इसी तरह से कोहका, भिलाई के दिलशाद बेगम का मामला है. वह भी 6 माह से चक्कर काट रही हैं. अब तक नियमितीकरण का प्रमाण पत्र हाथ नहीं आया है.
निगम आयुक्त से की गई है शिकायत
नगर पालिक निगम, भिलाई के आवेदकों की समस्याओं को लेकर जोन अध्यक्ष राजेश चौधरी ने नगर पालिक निगम, भिलाई के आयुक्त से शिकायत की. उन्होंने आयुक्त को बताया कि लोग आवेदन भिलाई निगम में कर रहे हैं, तब प्रमाण पत्र भी भिलाई निगम से ही दिया जाना चाहिए. दुर्ग का चक्कर आवेदक महीनों से लगा रहे हैं. ऐसे में अन्य लोग आवेदन करने आगे कैसे आएंगे. आयुक्त ने मामले में उच्चाधिकारियों से चर्चा करने की बात कही. इसके बाद भी आवेदकों की शिकायत का निवारण नहीं हो पाया है.
भिलाई-चरोदा के लोग भी हैं परेशान
भिलाई-चरोदा निगम में भी लोग आवेदन देकर पहले उसे आगे बढ़वाने के लिए बीच के व्यक्ति की तलाश करते हैं. अगर आवेदन सीधे निगम में जमा किया जाता है, तो कुछ दिनों तक कर्मचारी ही रोककर रख देते हैं. इस तरह से पहले वहां से आवेदन को दुर्ग भिजवाने में जद्दोजहद करनी पड़ती है. इसके बाद फिर लोग दुर्ग का चक्कर लगा रहे हैं.
रायपुर न्यूज़ डेस्क !!!