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Raipur डड़गांव में 150 से अधिक पेड़ों की हो गई अवैध कटाई, बेखबर रहे जिम्मेदार, सरगुजा जिले के लुंड्रा क्षेत्र का मामला
 

Raipur डड़गांव में 150 से अधिक पेड़ों की हो गई अवैध कटाई, बेखबर रहे जिम्मेदार, सरगुजा जिले के लुंड्रा क्षेत्र का मामला

छत्तीसगढ़ न्यूज़ डेस्क, राजस्व अधिकारियों की उदासीनता के कारण लुण्ड्रा थाना क्षेत्र के डड़गांव में तस्करों द्वारा डेढ़ सौ से अधिक पेड़ों की बलि चढ़ा दी गई. इतनी बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई होने से पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा है. लेकिन जिले के जिम्मेदारों को इससे कोई लेना देना नहीं है. केवल इन्हें मोटी कमाई से मतलब है. बताया जा रहा है कि तस्करों ने एक दिन में डेढ सौ से अधिक पेड़ों की कटाई करा दी.बताया जा रहा है कि ये सारा काम तहसलीदार, वन विभाग की मिली भगत से हुआ है. सरगुजा जिले के लुंड्रा ब्लॉक अंतर्गत डड़गांव ग्राम है. इस गांव में नन्दोला मंदिर के पास कई एकड़ शासकीय जमीन में युकेलिप्टस और आर्केसिया के पेड़ लगाए गए थे. लकड़ी तस्करों की नजर इन पेड़ों पर बहुत पहले से थी.
तस्कर राजस्व अधिकारियों, वन विभाग व गांव के सरपंच, उप सरपंच की मिली भगत से पेड़ों को काटकर बेचने में लगे हैं. दिन दहाड़े तस्करों ने 150 से ज्यादा पेड़ों की कटाई करा दी और क्रेन और ट्रकों के माध्यम से पेड़ों को मिल में खपाया जा रहा है. बताया जा रहा है कि तस्करों ने अब तक युकेलिप्टस और आर्केसिया के लगभग चार सौ पेड़ों काट दिया है. इधर सैकड़ों पेड़ के काटने से पर्यावरण को नुकसान के साथ राजस्व का बड़ा नुकसान हुआ है. बड़ी मात्रा में पेड़ों की कटाई होने के बाद भी राजस्व और वन विभाग मौन है.
नायब तहसीलदार की भूमिका संदिग्ध

लुण्ड्रा नायब तहसीलदार का कहना है कि डड़गांव के ग्रामीणों ने ग्राम सभा पारित कर पेड़ाें की कटाई कर दी है. इसके लिए राजस्व विभाग से अनुमति नहीं ली गई है. जानकारी मिलने पर पेड़ों को जब्त कर कार्रवाई के लिए वन विभाग को सौंप दिया गया है. वहीं इस मामले में लुण्ड्रा वन परिक्षेत्र की रेंजर आकांक्षा लकड़ा का कहना है कि जिस स्थान पर पेड़ों की कटाई हुई है वह राजस्व की भूमि है. वहीं नायब तहसीलदार द्वारा मुझे कार्रवाई के लिए सूचना नहीं दी गई है.
मशीन से काट दिए जा रहे सैकड़ों पेड़
तस्कर पेड़ कटाई करने के लिए कुल्हाड़ी का उपयोग नहीं कर रहे हैं. तस्कर काफी कम समय में मशीन के माध्यम से सैकड़ाें पेड़ों की बली चढ़ा दे रहे हैं. कुल्हाड़ी से काटने में समय ज्यादा लगता है. इसलिए तस्कर अब मशीन का उपयोग कर दिन व रात में धड़ल्ले से पेड़ों की कटाई करवा रहे हैं. वहीं जिम्मेदार चैन की नींद सो रहे हैं.
पौधरोपण में बड़ी राशि हो रही खर्च, इधर धड़ल्ले से कटाई
एक तरह सरकार पौधरोपण कार्य में लाखों रुपए खर्च कर रही है. वहीं तस्कर शासकीय भूमि पर लगे पड़ों की कटाई अंधाधुंध कर रहे हैं. पेड़ाें की कटाई कर मिलों में ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा है. इस अवैध कारोबार में वन विभाग व राजस्व विभाग की पूरी तरह मिली भगत रहती है.
तस्करों पर नहीं होती है कार्रवाई
नियम विरूद्ध सैकड़ों पेड़ों की कटाई होने से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है. हालांकि लकड़ी तस्करों द्वारा शासकीय जमीन में लगे पेड़ों को काटने का ये पहला मामला नहीं है. इसके बावजूद भी जिम्मेदार इन पर कार्रवाई करने की बजाय मौन हैं. कार्रवाई नहीं होने से तस्करों का मनोबल बढ़ा है.

रायपुर न्यूज़ डेस्क !!!

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