Raipur पॉलीहाउस में गुलाब की पैदावार से लखपति बन रहे किसान, राजधानी के आसपास ग्रामीण इलाकों में लहलहा रहे फूल, दूसरे राज्यों में भी है भारी मांग

छत्तीसगढ़ न्यूज़ डेस्क, परंपरा से हटकर खेती करना लाभ का धंधा बन सकता है. ये साबित किया है जिले के प्रगतिशील किसानों ने. मुख्यालय से 25 किमी दूर आरंग में महिला किसान अंकिता वर्मा ने एक एकड़ में पॉलीहाउस लगाकर गुलाब की खेती शुरू की है. वह रोजाना सात से आठ हजार रुपए के गुलाब बेचतीं हैं. वर्तमान में आरंग के गांव छटेरा की कृषक अंकिता वर्मा के अलावा बलदाउ साहू, एक एकड़ में और द्रोणी साहू द्वारा आधा एकड़ में पॉलीहाउस बनाकर गुलाब की खेती की जा रही है. गुलाब फूल की बिक्री रायपुर में ही की जा रही है. कृषक अंकिता वर्मा बताती हैं कि उनके द्वारा 32000 नग गुलाब के पौधे नवम्बर 2022 में रोपे गए थे. अभी तक तीन माह में लगभग 35000 कट फ्लावर की तुड़ाई कर 8 से 10 रुपए प्रति कट फ्लावर की दर से लगभग 3 लाख रुपए की बिक्री की जा चुकी है. गुलाब एक बार रोपने के बाद लगभग 4-5 वर्षों तक उपज देते हैं. जिले में फूलों की मांग को देखते हुए फूलों की खेती की ओर कृषकों का रूझान बढ़ा है.
कृषकों को दिया जा रहा है अनुदान
राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत किसानों को अनुदान दिया जा रहा है. पॉलीहाउस के अंदर हाइब्रिड गुलाब की खेती के लिए भी 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है. फूलों की खेती के लिए राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत कट फ्लावर के लिए 1 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर का 40 प्रतिशत, बल्बस फ्लावर के लिए 1.50 लाख प्रति हेक्टेयर का 40 प्रतिशत एवं लूज फ्लावर के लिए राशि 40 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर का 40 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है. पॉलीहाउस (नेचुरली वेंटीलेटेड) लगाने के लिए इच्छुक किसानों को राशि 33.76 लाख प्रति एकड़ की इकाई लागत पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है.
उद्यानिकी फसलों का रकबा 834.311 हेक्टेयर और उत्पादन 11236.447 मीट्रिक टन है. योजनाओं के फलस्वरूप किसान उद्यानिकी फसलों की खेती की ओर प्रेरित हो रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि उद्यानिकी फसलों की खेती में परंपरागत खेती की अपेक्षा 3 गुणा अधिक फायदा होता है.
किसानों का रुझान बढ़ा है. इसके लिए मिशन के तहत अनुदान दिया जा रहा है. विभाग द्वारा समय-समय पर मार्गदर्शन देकर किसानों को प्रेरित किया जा रहा है.
कैलाश सिंह पैकरा, सहायक संचालक, उद्यानिकी विभाग
फूलों की खेती से लाभ का गुणा-भाग
10 श्रमिकों को सालभर दे पाते हैं रोजगार
खेती को लघु उद्योग का दर्जा देने की मांग इस क्षेत्र के किसान करते रहे हैं. इसी क्रम में एक पाली हाउस में कम से कम दस श्रमिकों को सालभर रोजगार भी ये युवा किसान नियमित रूप से दे पा रहे हैं. इन श्रमिकों का काम पौधों को समय-समय पर खाद, पानी देने से लेकर फूलों की कटिंग कर बाजार तक पहुंचाने का है.
एक एकड़ में करीब 30 हजार पौधों रोपे जाते हैं. एक पौधा 9 से 10 रुपए के बीच थोक के भाव में मिलता है. इस तरह करीब तीन लाख रुपए का पौधा एक एकड़ के पालीहाउस में रोपना पड़ता है. ये पौधे कम से कम पांच साल तक अच्छी क्वालिटी के गुलाब फूल देते हैं. सालभर में प्रति एकड़ पांच से छह लाख रुपए की शुद्ध आमदनी गुलाब की खेती से होती है.
रायपुर न्यूज़ डेस्क !!!