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Raipur जेल में नहीं होता कोई भविष्य, बंदी अपनी जीवनशैली में लाए सुधार- न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी
 

Raipur जेल में नहीं होता कोई भविष्य, बंदी अपनी जीवनशैली में लाए सुधार- न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी

छत्तीसगढ़ न्यूज़ डेस्क, जेल लोक अदालत, लोक अदालत का ही एक भाग है. बंदी यह न समझें कि जेल में रहना ही उनका भविष्य है. बंदी अपने को सुधारने की कोशिश करें. अपने दिमाग में सकारात्मक सोंच रखें. कोई भी व्यक्ति जन्म से ही अपराधी नहीं होता. केन्द्रीय जेल में हुए अपराध का प्रायश्चित करते हुए अपने जीवन को और बेहतर बनाने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास करें. सुधार करने का मौका मिला है.

यह बात छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश व राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष गौतम भादुड़ी ने दुर्ग सेट्रेल जेल में आयोजित कार्यक्रम में कही.
इस अवसर पर केन्द्रीय जेल दुर्ग में वृहद जेल लोक अदालत में 6 खंडपीठ का गठन किया गया. जिसमें न्यायिक मजिस्ट्रेट, पीठासीन अधिकारी के रूप में उपस्थित हुए. जेल लोक अदालत में कुल 17 प्रकरण निराकृत हुए. न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी ने कहा कि छोटे-छोटे अपराध में जो विचाराधीन बंदी के रूप में निरूद्ध हैं, वह अपनी आधी सजा भुगत चुका है, इसके बाद जिसके आचरण व्यवहार में सुधार हो गया है, उनके लिए वृहद जेल लोक अदालत के माध्यम से उनके प्रकरणों का निराकरण किया जा रहा है.
इस मौके पर उन्होंने 17 बंदियों को रिहा करने का आदेश दिया. जेल लोक अदालत में जिला सत्र एंव न्यायधीश संजय कुमार जायसवाल, सदस्य सचिव आनंद प्रकाश वारियाल, कलेक्टर पुष्पेन्द्र मीणा, एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव उपस्थित रहे.
जेल अधीक्षक योगेश क्षत्री समेत अन्य न्यायाधीश, कर्मचारी और बंदी उपस्थित रहे.

रायपुर न्यूज़ डेस्क !!!
 

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