
छत्तीसगढ़ न्यूज़ डेस्क, अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्र ने धर्म के नाम पर अंधविश्वास का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि कथावाचक अंधविश्वास न फैलाएं. चमत्कार, जादू-टोना, भूत-प्रेत जैसी मान्यताओं का कोई अस्तित्व नहीं है. आम लोगों को इस प्रकार अंधविश्वास में नहीं फंसना चाहिए.
तथाकथित चमत्कार के दावे बनावटी होते हैं. ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है, जिसे किसी भी प्रकार से दूसरे के विषय में जादू से जानकारी मिल सके. अलग-अलग माध्यम से प्राप्त कुछ सूचनाएं चमत्कार के रुप में प्रस्तुत की जाती है. जैसे जादूगर अपने शो में अलग-अलग प्रकार के खेल दिखाते हैं. जैसे रुपए दोगुने करने, किसी व्यक्ति के दो टुकड़े करने फिर जोड़ देने, ताजमहल को गायब करने जैसे करतब पर वे इसे सिद्धि नहीं कहते.
चमत्कारों से न ही किसी का भला हो सकता है और न ही कोई व्यापक जनहित के काम क्योंकि यदि चमत्कारों से ही देश के कार्य संभव होते तो सरकार को पंचवर्षीय योजनाएं नहीं बनानी पड़तीं. न ही शिक्षा, ऊर्जा, रोजगार, रक्षा, चिकित्सा की समस्याओं के लिए योजना बनाकर काम करना पड़ता. हर व्यक्ति को अपने धर्म के प्रचार-प्रसार कथा पढ़ने, प्रवचन देने का अधिकार है. पिछले कुछ दिनों से देखा जा रहा है कि कथावाचक कथा पढ़ने से साथ, टोटकेबाजी, चमत्कार, बीमारियों के इलाज के नाम पर भी भ्रम उत्पन्न कर रहे हैं.
रायपुर न्यूज़ डेस्क !!!