उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क बिना टिकट ट्रेन से यात्रा करना दंडनीय अपराध है. इसके लिए बाकायदा जुर्माना और सजा का प्राविधान है. लेकिन यदि रेल कर्मचारी टिकट ही न बांटे तो ऐसे में बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्री दोषी होंगे अथवा रेल कर्मचारी. गौरा रेलवे स्टेशन की टिकट मशीन खराब होने से दो दर्जन से अधिक यात्रियों ने मजबूरी में बिना टिकट यात्रा की.
सुबह गौरा रेलवे स्टेशन पर वाराणसी जाने के लिए यात्रियों की भीड़ जमा थी. इन यात्रियों को मां बेल्हा देवी धाम प्रतापगढ़ से वाराणसी जाने वाली पैसेंजर ट्रेन का इंतजार था. यह ट्रेन गौरा स्टेशन पर सुबह 5.30 बजे पहुंचती है और 5.31 पर रवाना होती है. यात्रियों को बादशाहपुर, जंघई, सुरियांवा, भदोही जैसे प्रमुख स्थानों सहित वाराणसी तक कुल 14 स्टेशनों पर यात्रा करनी थी. यात्री टिकट काउंटर पर टिकट लेने पहुंचे तो मौजूद कर्मचारी ने बताया कि टिकट मशीन खराब है. कर्मचारी ने वाराणसी जाने वाले कुछ यात्रियों का टिकट हाथ से बना दिया लेकिन इसके बाद उसने यह कहकर काउंटर बंद कर दिया कि रसीद खत्म हो गई है. कर्मचारी ने यात्रियों को अगले स्टेशन सुवंसा पर टिकट बनवाने की सलाह दी गई. अब सवाल यह है कि सुवंसा स्टेशन पर ट्रेन सिर्फ एक मिनट के लिए रुकती है, ऐसे में टिकट बनवाना कितना संभव होगा, इसका अनुमान लगाया जा सकता है. कुछ यात्रियों ने अपनी यात्रा रद कर दी जबकि जरूरी काम से निकले लोगों ने भगवान भरोसे बिना टिकट यात्रा के लिए ट्रेन पर सवार हो गए.
गौरा स्टेशन पर टिकट मशीन के खराब होने की जानकारी नहीं है. अगर यह समस्या कहीं आती है तो वहां पर मैनुअल टिकट बनाकर यात्रियों को देने की सुविधा है. समस्या का समाधान करवाएंगे. -नीरज सोमवंशी, सीएमआई, प्रतापगढ़
प्रतापगढ़ न्यूज़ डेस्क