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Pratapgarh Uttrapradesh चला एमवाई फैक्टर, कुर्मी मतदाता संग आने से सपा प्रत्याशी के सिर पर बंधा जीत का सेहरा

फर्जी वोट डालने वालों पर नकेल कसने के लिए सभी बूथों पर बायोमैट्रिक सिस्टम लगाये जाने के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिया गया है। अब चाहे दोबारा वोट डालने के लिए घूंघट में पहुंचने वाली महिला हो या पुरुष फर्जी मतदान करने पर तुरन्त जेल की हवा खानी पड़ेगी। जिसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाताओं का मतदान केंद्र पर बायोमैट्रिक विधि से सत्यापन के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया है।  प्राप्त दिशा निर्देश में बताया गया है कि प्रत्येक मतदान केंद्र पर बायोमेट्रिक सिस्टम के माध्यम से जांच की व्यवस्था की गयी है। जहां एक मतदाता द्वारा अपने मूल बूथ के अतिरिक्त अन्य किसी भी बूथ पर दोबारा वोट करना संभव नहीं हो सके। आयोग द्वारा फर्जी मतदान को रोकने के लिए प्रत्येक चरण में प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की बायोमैट्रिक जांच कराने का निर्णय लिया गया है।  फिंगर प्रिंट से होगा आधार का सत्यापन आयोग के अनुसार अगर निर्वाचक वैकल्पिक पहचान पत्र के रूप में आधार कार्ड लेकर आते हैं तो फिंगर प्रिंट से आधार पर उसका त्वरित सत्यापन किया जाएगा। चूंकि आधार सत्यापन के क्रम में किसी भी मतदाता की सम्पूर्ण विवरणी एक बार मतदान करते समय सुरक्षित हो जायेगी अगर मतदाता पहले मतदान कर चुका होगा तो उसकी भी जानकारी मिल जाएगी और उस जिला या प्रखंड के किसी भी मतदान केंद्र पर फर्जी मतदान को रोका जा सकेगा।  तकनीकी कर्मी बायोमेट्रिक उपकरण के साथ रहेंगे आयोग के अनुसार बोगस वोटिंग को पूरी तरह से रोकने के लिए प्रत्येक बूथ पर एक तकनीकी कर्मी बायोमैट्रिक उपकरण एवं टैबलेट लेकर तैनात रहेगा। जो मतदाता का अंगूठे का निशान, उनका फोटो, इपिक या अन्य पहचान पत्र, मतदाता पर्ची का फोटो लेकर उसे बायोमैट्रिक प्रणाली के डाटाबेस में सुरक्षित करेगा।  यदि कोई निर्वाचक बूथ पर दोबारा मतदान करने आता है तो सिस्टम तुरंत उसकी पहचान कर लेगा तथा उसके द्वारा पूर्व में किये गये मतदान के विवरण के साथ फर्जी मतदाता के रूप में चिह्नित कर अलर्ट भेजेगा। इस प्रकार, फर्जी व दोबारा मतदान पर रोक लगायी जाएगी। साथ ही, ऐसे फर्जी मतदाता पर पंचायतीराज अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।  डुप्लीकेट मतदाता के रूप में भी चिह्नित कर लेगा सिस्टम निर्वाचन आयोग के अनुसार सत्यापन संबंधी डाटा क्लाउड पर हाेस्टेड केन्द्रीय सर्वर पर संग्रहित होगा, अतः अगर मतदाता किसी अन्य मतदान केन्द्र पर भी मतदान करना चाहे तो बायोमेट्रिक सत्यापन से उसकी पहचान तत्काल स्थापित हो सकेगी।  साथ ही बताया की बायोमेट्रिक सत्यापन विधि अन्तर्गत यदि किसी मतदान केन्द्र पर इन्टरनेट कनेक्टिविटी बाधित होती है, तो उस परिस्थिति में भी उस मतदान केन्द्र पर निर्वाचक यदि दोबारा मतदान करने आता है, तो सिस्टम उसे तत्काल डुप्लीकेट मतदाता के रूप में भी चिन्हित कर लेगा क्योंकि उक्त मतदान केन्द्र पर जितने भी मतदाता मत का प्रयोग करने आएंगें उनका पूर्व से ही अंगूठे का निशान खींचा गया फोटो, प्रयुक्त पहचान पत्र ‘टैबलेट’ में लगातार सुरक्षित किया जाता रहेगा।  विदित हो कि ‘टैबलेट’ में उस मतदान केन्द्र की मतदाता सूची पहले से ही संग्रहित होगी। टैबलेट के माध्यम से रियल टाइम रिपोर्ट प्रत्येक दो घंटे पर मिलेगा।जिसमे ब्राडकास्ट इंजीनियरिंग कंसल्टेंट, इंडिया लिमिटेड को बायोमैट्रिक सत्यापन के लिए अधिकृत किया गया है।

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  लोकसभा चुनाव में इस बार एमवाई फैक्टर खूब चला. बड़ी संख्या में कुर्मी मतदाता साथ आए तो सपा प्रत्याशी के सिर पर जीत का सेहरा बंध गया. बीते दो लोकसभा और दो विधानसभा चुनाव से कुर्मी मतदाता अपना दल (एस) के साथ देखे जा रहे थे. गठबंधन की दशा में कुर्मी वोटबैंक भाजपा के साथ रहा. इस बार डॉ. एसपी सिंह पटेल के सपा प्रत्याशी घोषित होते ही कुर्मी मतदाता तेजी से उनके साथ आ गए. भाजपा प्रत्याशी के साथ ही पार्टी के नेताओं को इसका अहसास भी हुआ. यही कारण रहा कि अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल की तीन जनभाएं भी कराई. इसके बाद भी बड़ी संख्या में कुर्मी मतदाता साथ नहीं आ सकी. जबकि यादव और मुस्लिम मतदाता पूरी तरह से सपा प्रत्याशी के साथ रहा. भाजपा प्रत्याशी से नाराज सभी वर्ग के मतदाता डॉ. एसपी सिंह की मजबूत स्थिति देख उनके साथ आए.

जहां है पार्टी का विधायक वहां भी हार गए

लोकसभा क्षेत्र के पांच विधानसभा क्षेत्र में पहले से ही सपा का पलड़ा भारी था. पट्टी, रानीगंज में सपा, तो रामपुर खास विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस से विधायक हैं. विश्वनाथगंज में सहयोगी अपना दल तो सदर विधानसभा क्षेत्र भाजपा के विधायक हैं. संगमलाल विपक्ष के तीनों विधायक के साथ अपनी पार्टी के विधायक के सदर विधानसभा क्षेत्र से भी हार गए. सहयोगी अपना दल के विधायक के क्षेत्र विश्वनाथगंज से मात्र 3434 मतों की बढ़त ले सके.

कांग्रेस का साथ भी रंग लाया

सपा प्रत्याशी की जीत में कांग्रेस का साथ भी रंग लाया. राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने चुनाव प्रचार में ताकत झोंक दी. पिछले चुनाव में प्रमोद के गढ़ रामपुरखास से 38 हजार की लीड लेने वाले भाजपा के संगमलाल गुप्ता इस बार वहां से हार गए. चुनाव मैदान में सपा प्रत्याशी का दबदबा बनते देख अन्य विधानसभा क्षेत्र के भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पूरी ताकत लगा दी. सपा कार्यकर्ताओं का साथ मिला तो कांग्रेस कार्यकर्ता भी पूरे चुनाव में उत्साहित रहे.

मुस्लिम मतदाताओं की एकजुटता

जिले का मुस्लिम मतदाता पूरी तरह से सपा प्रत्याशी के साथ रहा. भाजपा से पहले से ही मुस्लिम मतदाताओं की दूरी बनी थी. बसपा प्रत्याशी की जीत की स्थिति न बनती देख भाजपा को हराने के लिए मुस्लिम मतदाताओं ने एकजुट होकर सपा प्रत्याशी को मतदान कर दिया.

पांच में तीन विस क्षेत्र में पहले से था कब्जा

लोकसभा के पांच विधानसभा क्षेत्र में तीन जगह पहले से ही सपा और कांग्रेस का कब्जा होने से कार्यकर्ता जीत के लिए आशान्वित थे. रामपुर खास से कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा मोना और राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी चुनाव की हर गतिविधि पर नजर रखे थे. पट्टी से रामसिंह पटेल और रानीगंज से डॉ. आरके वर्मा के प्रयास ने भी कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाए रखा.

वोटों से सपा उम्मीदवार ने हासिल की जीत

सभी वर्गों के मतदाताओं का मिला समर्थन

भाजपा उम्मीदवार से नाराज सभी वर्ग का मतदाता पहले प्रत्याशी को लेकर हमलावर दिखा. कांग्रेस और सपा के वोटबैंक के साथ डॉ. एसपी सिंह की मजबूत स्थिति देख सभी वर्ग उनके साथ आ गया. इससे सपा प्रत्याशी की स्थिति और अधिक मजबूत हो गई. जिससे जीत की राह काफी आसान हो गई.

 

 

प्रतापगढ़ न्यूज़ डेस्क

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