उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क डीएम मधुसूदन हुल्गी ने बीमारी परोसने वाली थाई मांगुर मछलियों के न केवल पालन व बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है बल्कि उसके बीज व स्टाक को तत्काल नष्ट करने का निर्देश जिले के सभी मस्त्य पालकों को दिया है. इतना ही नहीं उन्होंने हिदायत दिया कि कहीं भी कोई इस प्रजाति की मछली का पालन, बिक्री अथवा स्टॉक रखे पाया गया तो उसके विरुद्ध एनजीटी के नियमानुसार कार्रवाई जाएगी.
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण नई दिल्ली द्वारा थाई मांगुर मछली के पालन, बिक्री एवं इसके मत्स्य बीज उत्पादन वितरण तथा तालाबों में हुए जिले में इस प्रजाति की मछलियों की बिक्री, पालन व मत्स्य बीज पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा है. उन्होंने बताया कि अत्याधिक मांसाहारी प्रवृत्ति के कारण अन्य स्थानीय जलीय जीव जन्तु एवं मछलियों के अस्तित्व पर खतरे को देखते हुऐ इस प्रजाति के पालन को पूर्ण रूप से एनजीटी ने प्रतिबंधित कर रखा है. उन्होने निर्देशित किया कि इस प्रजाति की मछलियों का पालन कर रहे मत्स्य पालकों का चिन्हांकन कर तत्काल उपलब्ध स्टॉक को नष्ट जाय. उन्होने समस्त मत्स्य पालकों को निर्देशित किया है कि इस प्रजाति की मछलियां, मत्स्य बीज स्टॉक को तत्काल नष्ट कर दें. ऐसा नहीं करने पर गठित टास्कफोर्स टीम द्वारा विनिष्टीकरण की कार्रवाई की जायेंगी एवं विनिष्टीकरण पर होने वाला व्यय सम्बन्धित मत्स्य पालकों से वसूल कर उसके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी. थाई मांगुर प्रजाति की मछली को लेकर डीएम का फरमान जारी होते ही इसके पालकों व बिक्री करने वालों में हड़कम्प मच गया है.
प्रतापगढ़ न्यूज़ डेस्क

