
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क लखनऊ में रेलवे के कंडम आवास में अवैध रूप से रहने वाले पांच लोगों की मौत की घटना की बेल्हा में भी पुनरावृत्ति हो सकती है. करीब डेढ़ दशक से कंडम घोषित आवासों में अवैध रूप से रहने वालों को बेदखल किया गया लेकिन कुछ ही दिन बाद वे फिर आबाद हो गए. दर्जनों लोग परिवार सहित कंडम आवासों को आशियाना बना रखे हैं.
रेलवे की कॉलोनियां यहां अलग-अलग विभागों के जिम्मे हैं. रेलवे 15 साल से अब तक करीब डेढ़ सौ आवासों को कंडम घोषित कर रखा है. कर्मचारियों को यहां से हटाने के बाद बिजली, पानी भी काट दी गई. इसके बाद बाहरी लोगों ने डेरा जमा लिया और बिजली, पानी बहाल करा लिया. इन लोगों को कई बार हटाया गया, लेकिन वे फिर बस गए. इस समय में भी दर्जनों कंडम आवासों को लोगों ने अपना आशियाना बना रखा है. ऐसे में बारिश के मौसम में कभी भी लखनऊ जैसे हादसे की पुनरावृत्ति हो सकती है.
● मुफ्त ले रहे बिजली, पानी की सुविधा, जिम्मेदार बेखबर
चोरी, नशे, अवैध असलहे में धराए, छेड़खानी भी आम
रेलवे की कंडम कॉलोनी अपराधियों का ठिकाना भी रही हैं. यहां जुए, नशे का कारोबार भी सामने आया है. अवैध असलहों के साथ लोग पकड़े गए हैं और छेड़खानी की भी घटनाएं हुई हैं. इसके बाद भी कॉलोनी की आपराधिक गतिविधि पर रोक नहीं लग सकी.
कंडम घोषित कॉलोनी खाली कराने के बाद बिजली, पानी की आपूर्ति बंद कराई गई थी. उसे फिर कटवा दिया जाएगा. आरपीएफ के साथ मिलकर कंडम घोषित सभी आवास खाली कराए जाएंगे.
-एसके पॉल, आईओडब्ल्यू
प्रतापगढ़ न्यूज़ डेस्क