उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क सई नदी और मट्टन नाले के कछार पर बसे सांगीपुर ब्लॉक के अधिकतर गांवों में गर्मी के शुरुआती दिनों में ही पानी की किल्लत शुरू हो गई है. गांवों के तालाब सूख गए हैं, पानी का जलस्तर नीचे खिसकने से अधिकतर हैंडपंप भी पानी देना बंद कर चुके हैं. वर्तमान में एक हैंडपंप से गांव के अधिकतर परिवार पानी भरते हैं.
विकास खंड सांगीपुर में कुल 67 ग्राम पंचायतें हैं, इन ग्राम पंचायतों में 300 से अधिक तालाब हैं. इसमें से 15 तालाब प्रशासन की ओर से अमृत सरोवर के रूप में विकसित किए गए हैं. बावजूद इसके वर्तमान में विकास खंड के सिर्फ दो अमृत सरोवरों में पानी है शेष में धूल उड़ रही है. वैसे तो ब्लॉक के अधिकतर गांवों में पेयजल की किल्लत शुरू हो गई है लेकिन आमीशंकरपुर में पेयजल की सबसे अधिक किल्लत है. कारण गांव के 75 फीसदी हिस्से का पानी खारा होने के कारण पीने योग्य नहीं है.
सई नदी और मट्टन नाले के कछार पर बसे गांव के तालाब महीने भर पहले ही सूख गए थे. गर्मी बढ़ने के साथ जलस्तर खिसकने से इंडिया मार्का हैंडपंप भी पानी देना बंद कर चुके हैं. वर्तमान में गांव का सिर्फ इंडिया मार्का हैंडपंप ऐसा है जो पानी दे रहा है और उसका पानी पीने लायक है. नतीजा सुबह से शाम तक इस हैंडपंप पर ग्रामीण बाल्टी और डिब्बा लेकर पानी भरने के लिए डटे रहते हैं.
तालाबों में पानी भरवाने से मिलेगी राहत
आसपास के लोगों का कहना है कि पेयजल की किल्लत वाली ग्राम पंचायत आमीशंकरपुर के तालाबों में पानी भरवाने से कुछ हद तक राहत मिल सकती है. इसके अलावा इंडिया मार्का हैंडपंप का रिबोर और सबमर्सिबल पंप की स्थापना कर पेयजल की किल्लत दूर की जा सकती है.
ब्लॉक के अमृत सरोवरों में पानी भरवाने के लिए ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी से बात चल रही है. इसके अलावा अधिक समस्या वाली ग्राम पंचायतों में सब मर्सिबल पंप लगवाने की अनुमति उच्चाधिकारियों से मांगी गई है.
रंगनाथ, प्रभारी बीडीओ सांगीपुर
प्रतापगढ़ न्यूज़ डेस्क