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Pratapgarh तकनीक : मर्ज और इलाज का तैयार होगा डेटा
 

Pratapgarh तकनीक : मर्ज और इलाज का तैयार होगा डेटा


उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  रोगों और उनके लक्षणों का जाल बहुत जटिल है। कभी-कभी विशेषज्ञ डॉक्टर भी मर्ज का सही आकलन नहीं कर पाते हैं। यही कारण है कि अब बीमारियों और उनके लक्षणों का विस्तृत डाटा तैयार किया जा रहा है। ट्रिपलआईटी में अत्याधुनिक बिग डेटा एनालिसिस सेंटर फॉर जीनोमिक्स एंड प्रोटिओमिक्स इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। जल्द ही यह केंद्र स्थापित किया जाएगा। इसके लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) की ओर से अनुदान दिया गया है। यह अत्याधुनिक डाटा सेंटर चार हजार टेरा बाइट्स का होगा। ट्रिपलआईटी प्रो. प्रीतिश भारद्वाज को परियोजना का प्रधान अन्वेषक (पीआई) नियुक्त किया गया है।

प्रीतिश भारद्वाज ने बताया कि यह संस्थान का तीसरा केंद्र होगा। इस नए केंद्र का प्रोजेक्ट संस्थान को पांच साल के लिए दिया जाएगा। बाद में इसे पांच साल के लिए फिर से रिन्यू कराना होगा। इस नए केंद्र से पहले, ट्रिपलआईटी में सेंटर फॉर रोबोटिक्स एंड कॉग्निटिव कंप्यूटिंग का संचालन किया जा रहा है।

 भारद्वाज ने कहा कि जीनोमिक्स व्यक्ति के सभी जीनों का अध्ययन है। इसमें जीन का एक दूसरे के साथ और व्यक्ति के पर्यावरण के साथ संबंध शामिल है। जीनोमिक्स और संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण स्वास्थ्य सेवा को बदल रहे हैं और हमें कैंसर, भविष्य की दवा और व्यक्तिगत दवा जैसी जटिल बीमारियों को समझने का अवसर दे रहे हैं। पर्यावरण के किस तत्व को, किस जीनोमिक व्यक्ति को कौन सा कैंसर हो सकता है। इसके लिए कौन सी दवा का इस्तेमाल करना चाहिए, जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है या कम है।

जेनेटिक डेटा तैयार किया जाएगा और उनके लिए उपयोगी कैंसर की दवाएं बनाने की दिशा में काम किया जाएगा। इसी प्रकार प्रोटिओमिक्स जीवों की कोशिकाओं में पाए जाने वाले प्रोटीनों के अध्ययन से संबंधित विज्ञान है। इसमें प्रोटीन का विश्लेषण अलग-अलग अवस्थाओं में, एक ही समय में और तीव्र गति से किया जाता है।

प्रतापगढ़ न्यूज़ डेस्क
 

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