बिहार न्यूज़ डेस्क हरनौत हाई स्कूल इन दिनों तालाब बना हुआ है. जलनिकासी नहीं होने से स्कूल परिसर की स्थिति दयनीय बन गई है. यहां दो करोड़ की लागत से तीन तल्ला भवन बनाया जाना है. आठ वर्ग कक्ष समेत 16 कमरों का भवन बनाया जा रहा है.
संवेदक को 18 माह में भवन निर्माण पूरा करना है. स्थानीय विधायक ने 21 जनवरी को शिलान्यास किया था. कार्य एजेंसी ने पुराना भवन को तोड़कर नया भवन का निर्माण कराने के लिए दो माह पहले गड्ढे खोदे गये थे. गड्ढे में पानी जमा होने से तालाब का रूप धारण कर लिया है. कार्य एजेंसी पानी निकासी होने का इंतजार कर रही है. शिक्षकों ने बताया कि भवन बनाने की जगह गड्ढा खोदने से बने तालाब में हादसा होने का डर बना रहता है. चहारदीवारी नहीं होने से विद्यालय असुरक्षित है.
वर्षा मतलब पढ़ाई बंद: एचएम सुनील कुमार गावस्कर ने बताया कि वर्ष 1942 में स्कूल की स्थापना हुई थी. कभी नामीगिरामी स्कूलों में गिनती होने वाला यह स्कूल आज बदहाल स्थिति में है. स्कूल में एक हजार 700 विद्यार्थी नामांकित हैं. इनकी पढ़ाई कराने के लिए महज सात कमरे हैं. बरसात में शहर का गंदा पानी स्कूल में जमा हो जाता है. इससे स्थिति और खराब हो जाती है. परिसर तालाब का रूप ले लेता है. स्कूल प्रशासन को मोटर लगाकर पानी की निकासी की विवशता हर साल बनी रहती है. मतलब वर्षा हुई तो बच्चों की पढ़ाई बंद.
भवन निर्माण कराने के लिए गड्ढा खोदा गया है. चारों तरफ का पानी गड्ढा में इकह्वा हो जाता है. इस वजह से काम करने में परेशानी होती है. पानी रोकने की वैकल्पिक व्यवस्था करायी जा रही है. गड्ढे से पानी निकासी के बाद काम शुरू करा दिया जाएगा.
-पंकज मौर्या, एसडीओ, भवन निर्माण विभाग
पटना न्यूज़ डेस्क