बिहार न्यूज़ डेस्क आम के बागानों पर इस बार मौसम की मार खूब पड़ी है. फरवरी में अनुकूल तापमान न रहने के कारण मंजर आने में देर हुई. मार्च की शुरुआत में ही तापमान में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण टिकोले लगने से पहले ही 25 फीसद मंजर झुलसकर झड़ गये. रही-सही कसर में चली पछुआ बयार ने पूरी कर दी. नौबत यह कि लगातर पड़ रही देह को जला देने वाली गर्मी के कारण इसबार आम के फल पूरी तरह विकसित नहीं हो सके हैं. अन्य सालों की अपेक्षा फल का आकार छोटा है. उपज कम मिलेगी. हालांकि, बागवानों का कहना है कि भले ही फल छोटा है. परंतु, स्वाद में किसी तरह का फर्क नहीं पड़ेगा. पिछले 10 दिनों के दौरान दो बार बारिश हो चुकी है. इससे पकने के स्टेज में आ चुके फल को बड़ी राहत मिली है. जल्द बाजार में लोकल आम बिकने लगेगा. हरनौत के सरथा गांव निवासी के उदय कुमार, चैनपुर के सत्येन्द्र कुमार सिंह, गिलानी के मो.सब्बा आजम , दीपनगर के सुरेन्द्र कुमार बताते हैं कि इसबार शुरुआत से ही आम की खेती के लिए अनुकूल मौसम नहीं रहा है. फरवरी में मंजर लगने का समय होता है. शुरुआत में ठंड अधिक रहने के कारण देर से पेड़ों में मंजर आये. उसके बाद गर्मी में अत्यधिक वृद्धि होने के कारण टिकोले विकसित होने से पहले ही सूखने लगे. हद तो यह कि इस दौरान दो से तीन बार आंधी-बारिश के थपेड़ों से भी काफी नुकसान उठाना पड़ा. इतना ही नहीं लगातार पछुआ हवा चलते रहने के कारण इसबार आम फल छोटा है. बागवानों की लाचारी ऐसी कि प्रकृति के आगे वे चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं. बागवानों का कहना है कि पूरबा हवा न चलने के कारण आम के फल पूरी तरह से विकसित नहीं हो सके हैं.
एक सप्ताह में लोकल आम बाजार में
जिले के हरनौत, अस्थावां, सिंगथू, पावा, हिलसा के वारा, करायपरसुराय में बड़े पैमाने पर आम के बाग लगे हैं. बागवानों का कहना है कि तीन से चार तक मिट्ठुआ और बम्बईया वेरायटी के लोकल आम बाजार में बिकने लगेंगे. दस के बाद मालदह की बाजार में उतरने के लिए तैयार हो जाएगा. सच्चाई यह भी कि इसबार मौसम की मार पड़ने के कारण किसान के साथ ही आम के व्यापारी भी परेशान हैं.
बाग की मिट्टी में नमी बनाएं रखें
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के जिला तकनीकी पदाधिकारी धनंजय कुमार कहते हैं कि ज्यादा गर्मी पड़ने की वजह से आम के फल इसबार अच्छी तरह विकसित नहीं हो सके हैं. आम की अच्छी पैदावार के लिए 23 से 28 डिग्री तापमान अनुकूल माना गया है. उन्होंने कहा कि अच्छी उपज के लिए बाग की मिट्टी में नमी बनाये रखें.
पटना न्यूज़ डेस्क