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Patna  मौसम ने नहीं दिया साथ फिर भी अच्छी पैदावार की उम्मीद, 180 लाख मीट्रिक टन अनाज उत्पादन होने का अनुमान
 

Mandi आलू की बंपर पैदावार की आस, स्टोरेज का संकट


बिहार न्यूज़ डेस्क बिहार में मौसम की मार के बावजूद खाद्यान्नों की अच्छी पैदावार की उम्मीद है अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय की ओर से जारी तीसरी पूर्वानुमान रिपोर्ट में वर्ष 2022-23 के दौरान फसलों का उत्पादन पिछले वर्ष के बराबर पहुंच गया है रिपोर्ट के अनुसार खाद्यान्न का उत्पादन 180 लाख मीट्रिक टन के करीब होगा पिछले वर्ष यानी वर्ष 2021-22 में कुल खाद्यान्न का उत्पादन 184 लाख मीट्रिक टन था अंतिम रिपोर्ट आनी अभी बाकी है कृषि विशेषज्ञों को उम्मीद है कि अंतिम रिपोर्ट आने पर उत्पादन का आंकड़ा और बढ़ेगा
सांख्यिकी निदेशालय की रिपोर्ट के अनुसार 22 लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती हुई इसमें करीब 64 लाख मीट्रिक टन पैदावार हुई गेहूं की उत्पादकता प्रति हेक्टेयर 29 क्विंटल रहने का अनुमान है हालांकि, अभी गेहूं की फसल कटनी की रिपोर्ट आनी बाकी है कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अंतिम रिपोर्ट में

इसे शामिल किया जाएगा विशेषज्ञों का दावा है कि जलवायु अनुकूल खेती और उन्नत तकनीक के साथ किसानों की मेहनत रंग लायी
वहीं, धान की खेती 29 लाख हेक्टेयर में हुई इससे करीब 77 लाख मीट्रिक टन पैदावार होने की उम्मीद है धान की उत्पादकता 26 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रहने का अनुमान है मक्का 56 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और दलहन में मसूर की पैदावार आठ क्विंटल प्रति हेक्टेयर रहने की उम्मीद है
रबी और खरीफ दोनों पर पड़ी थी मौसम की मार इस वर्ष खरीफ और रबी दोनों फसलों पर मौसम की मार पड़ी खरीफ मौसम में राज्य के दस जिले ज्यादा प्रभावित रहे रबी मौसम में भी आंधी-बारिश के साथ ओलावृष्टि के चलते सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी चंपारण, रोहतास और मुजफ्फरपुर सहित छह जिलों में फसलों की बर्बादी हुई थी दो माह पूर्व मार्च में आई आंधी-बारिश से लगभग 54,000 हेक्टेयर में खड़ी फसलों के नुकसान पहुंचा था
बावजूद इसके जलवायु अनुकूल खेती और तकनीकी का उपयोग के साथ किसानों की मेहनत रंग लाई खाद्यान्न का उत्पादन पिछले साल के बराबर पहुंच गया है तीसरी पूर्वानुमान रिपोर्ट को देखें तो फसलें प्रभवित नहीं होती तो रिकॉर्ड उत्पादन होता
अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय की ओर से कृषि वर्ष के तहत पहली जुलाई से 30 जून तक आंकड़ा संग्रह किया जाता है प्रथम अग्रिम अनुमान सितंबर में, दूसरा फरवरी में और तीसरा अप्रैल या मई और चौथा अंतिम अनुमान जुलाई-अगस्त में जारी किया जाता है
आंकड़ों और अनुमानों के अनुसार बिहार में मुख्य रूप से बड़े पैमाने पर धान, गेहूं, मक्का, रागी (मड़ुआ), मूंग, मसूर, चना, सरसों, सूरजमुखी, गन्ना की खेती की जाती है
दलहनी फसलों का रकबा 4. 42 लाख हेक्टेयर रहा
दलहन और तिलहन फसलों की भी खूब पैदावार का अनुमान लगाया गया है रबी और खरीफ मिलाकर दलहनी फसलों का कुल रकबा 4 लाख 42 हजार हेक्टेयर रहा उत्पादन 3 लाख 63 मीट्रिक टन हुआ उत्पादकता 8 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रहा वहीं, तिलहन को देखें तो 1 लाख 10 हजार हेक्टेयर में खेती हुई इसमें 1 लाख 36 हजार मीट्रिक टन उत्पादन हुआ उत्पादकता 12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रहा
मक्का और मोटे अनाज का उत्पादन भी अच्छा
मक्का और दलहन का उत्पादन भी अच्छा रहा रिपोर्ट के अनुसार छह लाख 57 हजार हेक्टेयर में मक्के की खेती हुई कुल उत्पादन 36 लाख 42 हजार मीट्रिक टन रहा उत्पादकता 55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रही अन्य मोटे अनाज को देखें तो ज्वार और मड़ुआ 10-10 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, बाजरा 11 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रहा पिछले वर्ष यानी वर्ष 2021-22 में भी उत्पादन इसी के आसपास रहा था


पटना  न्यूज़ डेस्क

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