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Patna  जर्जर पाइप व अधूरी योजनाओं से शहर में गहरा रहा जलसंकट

दुर्ग :जलसंकट से राहत:385 गांवों के 1.46 लाख परिवारों को मिलेगा पानी, 900 करोड़ का प्रोजेक्ट

बिहार न्यूज़ डेस्क  तपिश बढ़ने और लू जैसी स्थिति के बीच राजधानी में पेयजल संकट गहराने लगा है. आलम यह है कि शहर के अधिकांश इलाके में जर्जर पाइप लाइन से जलापूर्ति हो रही है. नगर निगम की टीम दिनभर लीक पाइप की मरम्मत के लिए दौड़ लगाती रहती है, फिर भी काम अधूरा रहता है. कहीं नल से पानी नहीं आ रहा तो कहीं सार्वजनिक कुंए का पानी भी नसीब नहीं हो रहा. मलिन बस्तियों में पानी के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. गरीब तबके के लोगों की समस्याएं अधिक बढ़ गई हैं.

पश्चिमी लोहानीपुर तीन माह पहले इस मोहल्ले में नल जल का पाइप बिछाया गया पर अभी तक चालू नहीं हुआ. कहीं नल लगा है लेकिन उसमें पानी नहीं आ रहा. जहां पहले से जलापूर्ति की व्यवस्था है वहां की भी स्थिति खराब है. कई जगह से पाइप लीकेज है. सड़कों पर पानी बह रहा है. काठपुल के निकट एक माह पहले एक कुआं का जीर्णोद्धार किया गया. लेकिन उसके ऊपर ग्रिल लगा तालाबंदी कर दी गई. पश्चिमी लोहानीपुर के मोनू, रजनीश, टिंकू आदि का कहना है कि कई बार शिकायत की गई, लेकिन निगम के अफसर मौन हैं.

नलजल योजना के तहत पाइप को यूं ही छोड़ दिया गया है. इससे जलापूर्ति नहीं हो रही.

रूकनपुरा के मुसहरी में पाइप लाइन काफी जर्जर है. लीकेज होने के कारण गर्मी के दिनों में पानी का प्रेशर अधिक नहीं रहता. एक बाल्टी पानी भरने में काफी समय लगता है. स्थानीय मंगल राम का कहना है कि सुबह-शाम पानी लेने के लिए लोगों की कतार लगी रहती है. कभी-कभी नगर निगम पानी का टैंकर लेकर आता है, जिसे लेने के लिए लूट मच जाती है. यह समस्या कई सालों से हैं. मलिन बस्ती में रहने वाला नीतीश कहता है कि उसे हर दिन खाना बनाने, स्नान करने और घर के लोगों के पीने के पानी के लिए नल के पास घंटों इंतजार करना पड़ता है.

 

 

पटना  न्यूज़ डेस्क

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