बिहार न्यूज़ डेस्क कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए पीएम फंड से सदर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया था. विंडबना यह कि महज सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के कारण आठ माह से यह बंद है. इसके चलते हर माह अस्पताल प्रबंधन को 90 हजार की ऑक्सीजन खरीदनी पड़ रही है.
प्लांट से इमरजेंसी, एसएनसीयू, पिकू, आईसीयू व ओटी में 86 बेडों पर पाइपलाइन से ऑक्सीजन की आपूर्ति बहाल की गयी थी. अब उन जगहों पर जंबो सिलेंडरों से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है. डीपीएम श्याम कुमार निर्मल ने ऑक्सीजन प्लांट का निरीक्षण कर उसकी स्थिति का जायजा लिया. इसके बाद इसे चालू होने की आस जगी है. उन्होंने बताया कि इसके लिए कई बार संबंधित कंपनी को पत्राचार किया गया था. मगर अब तक इस पर कोई पहल नहीं की गयी थी. अब विभाग को इस संबंध में पत्राचार किया गया है. इसके लिए बजट बनाकर राशि की मांग की गयी है.
राशि मिलते ही ऑक्सीजन प्लांट को चालू कर दिया जाएगा. जल्द ही सॉफ्टवेयर को अपडेट कर इसे शुरू कराया जाएगा. ताकि, पैसे की बचत हो सके. पाइपलाइन से सही दबाव के साथ बेड तक ऑक्सीजन पहुंच सके.
मरीज की मौत के बाद निजी अस्पताल में हंगामा
शहर के प्रखंड कार्यालय रोड में मरीज की मौत के बाद परिजनों ने निजी अस्पताल के सामने जमकर हंगामा किया. सिजेरियन ऑपरेशन के बाद महिला की तबियत बिगड़ गयी थी. इलाज के दौरान पटना में उसकी मौत हो गयी. इसके बाद परिजन निजी अस्पताल के सामने पहुंचकर हंगामा करने लगे.
लोगों ने बताया कि ठाकुर स्थान निवासी श्याम नारायण मिस्त्रत्त्ी की 32 वर्षीया पत्नी बबिता देवी को प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सिजेरियन ऑपरेशन के बाद बच्चे का जन्म हुआ. बच्चे की हालत तो ठीक थी, ऑपरेशन के बाद महिला की हालत बिगड़ने लगी. उसे रेफर कर दिया गया.
बिहारशरीफ में किसी चिकित्सक ने भर्ती नहीं लिया. उसके बाद परिजन पटना ले गया. को इलाज के लिए पटना के निजी अस्पताल में उसकी मौत हो गयी. इसके बाद परिजन अस्पताल पहुंचकर हंगामा करने लगे. थानाध्यक्ष ने बताया कि घटना की जानकारी मिली है. आवेदन मिलने पर कार्रवाई की जाएगी.
पटना न्यूज़ डेस्क