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Patna  रेल पटरियों से गुजरेगी शिवहर में वोटों की राह

Dehradun हर संसदीय सीट पर पांच लाख वोटों से जीत का लक्ष्य

बिहार न्यूज़ डेस्क  जिलों को छूने वाले शिवहर लोकसभा क्षेत्र में वोटों की राह रेल की पटरियों से होकर गुजरेगी. लोकसभा क्षेत्र बनने के 47 वर्ष बाद भी यहां के 16 लाख 60 हजार 635 वोटरों को ट्रेन पकड़ने के लिए 55 किमी दूर मुजफ्फरपुर आना पड़ता है. 47 साल के दौरान शिवहर लोस क्षेत्र से  सांसद बन चुके हैं, इनमें  केंद्रीय मंत्री रहे, जिनमें हरिकिशोर सिंह और राम दुलारी सिन्हा शामिल हैं.

 मंत्रियों के बाद भी शिवहर के लिए  रेललाइन दिव्य चीज ही बनी रही है. 2004 में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री रघुनाथ झा और सांसद सीताराम सिंह ने शिवहर-सीतामढ़ी रेललाइन पास कराई थी, लेकिन यह रेलवे के दस्तावेजों पर ही चल रही है. बीआरएबीयू के सिंडिकेट सदस्य डॉ. धनंजय कुमार सिंह ने बताया कि वर्ष 2004 में रेललाइन तो पास हो गई, लेकिन जमीन पर कोई काम नहीं हुआ. रेलवे लाइन के बिना लोगों को मुजफ्फरपुर और सीतामढ़ी जाकर ट्रेन पकड़नी पड़ती है. यह रेललाइन पूर्वी चंपारण के चिरैया, महमदी होते हुए पास कराई गई थी. इसके अलावा शिवहर से पूर्वी चंपारण के चकिया तक भी रेललाइन पास की गई थी, जो भी कागजी साबित हुई.

एनएच का काम भी है अधूरा : शिवहर में एनएच 104 का काम भी अधूरा है. टू लेन एनएच का प्रस्ताव 2004 में पास कराया गया था, लेकिन 20 साल में इसका काम पूरा नहीं हुआ. यह एनएच पूर्वी चंपारण के बनरझऊला से चोरमा मधुबन होते हुए भिट्ठामोर तक के लिए था. एनएच के लिए भूमि अधिग्रहण भी किया गया था, लेकिन इसके बाद भी यह सांसदों की निगाह से ओझल रहा है. शिवहर के लेागों का कहना है कि एनएच नहीं होने से शिवहर विकास की सड़क पर सरपट नहीं दौड़ पा रहा है. डॉ. धनंजय सिंह बताते हैं शिवहर लोकसभा क्षेत्र बागमती परियोजना भी जमीन पर नहीं उतरी है. यह परियोजना बेलवा घाट पर तैयार होनी थी, लेकिन यह पूरी नहीं हो सकी. लोकसभा के ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई का प्रबंध नहीं किया गया.

 

 

पटना  न्यूज़ डेस्क

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