Patna राजस्व विभाग3 माह में 10 हजार पदों पर होगी नियुक्ति, मंत्री आलोक मेहता ने विधानपरिषद में कहा, भर्ती प्रक्रिया जारी

बिहार न्यूज़ डेस्क राजस्व विभाग में तीन माह के अंदर दस हजार पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. बहाल कर्मियों को विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्ती कार्य में लगाया जाएगा.
विधान परिषद में राजस्व विभाग के बजट पर सरकार का पक्ष रखते हुए मंत्री आलोक मेहता ने ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त का कार्य ससमय पूरा करने एवं अंचलों में विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त का कार्य प्रारंभ करने के लिए 15 हजार पद स्वीकृत हैं. इसमें से दस हजार 101 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया तीन माह के अंदर पूरी कर ली जाएगी. इसमें विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी के 355, विशेष सर्वेक्षण कानूनगो के 758, विशेष सर्वेक्षण अमीन के 8244 और विशेष सर्वेक्षण लिपिक के 744 पदों पर बहाली होनी है. उन्होंने बताया कि ऑनलाइन टेस्ट कर सीधी बहाली की जाएगी. उन्होंने बताया, भूअभिलेख का कंप्यूटरीकरण किया जा रहा है. रिकार्ड को रिजर्व भी रखा जा रहा है ताकि दो जगह रहने पर कोई गड़बड़ी न हो. इसके लिए हर अंचल में एक भवन बनाया जा रहा है. डिजिटल लाइब्रेरी भी बनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि विकास परियोजनाओं के लिए पिछले पांच दिनों में 45 एकड़ जमीन हस्तांतरित की गई है. वासरहित भूमिहीनों को भी जगह चिह्नित कर आवास के लिए जमीन दी जाएगी. जरूरत पड़ने पर निर्धारित दर पर खरीद की जाएगी. दिसंबर तक यह काम पूरा किया जाना है. उन्होंने बताया कि ऑनलाइन दाखिल खारिज के 90 फीसदी आवेदन निष्पादित किए जा चुके हैं. विधान परिदष के दूसरे सत्र में राजस्व एवं भूमि सुधार, वित्त एवं वाणिज्य विभाग के बजट पर वाद विवाद हुई. चर्चा में भाजपा एमएलसी जनक राम, देवेश कुमार के अलावा जदयू के आफाक अहमद खान और ललन कुमार सर्राफ और निर्दलीय सर्वेश कुमार ने भाग लिया.
गांधी मैदान ब्लास्ट पीड़ितों को नौकरी के मु्द्दे पर हंगामा
राजस्व विभाग के बजट पर वाद-विवाद के दौरान भाजपा एमएलसी केंद्र की उपलब्धियां गिना रहे थे. उसी समय जदयू एमएलसी नीरज कुमार ने कहा कि गांधी मैदान ब्लास्ट में मारे गए लोगों के परिजनों को नौकरी देने के वादे का पीएम नरेंद्र मोदी ने क्या किया? इस पर राजद एमएलसी सुनील सिंह ने भी कहा कि खाते में पंद्रह लाख रुपये जाने का क्या हुआ? इस पर भाजपा की ओर से एमएलसी देवेश कुमार के साथ अन्य सदस्य भी खड़े हो गए. इस दौरान सदन में थोड़ी देर के लिए पक्ष-विपक्ष में तीखी नोकझोंक हुई. सभापति देवेश चंद्र ठाकुर के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ.
पटना न्यूज़ डेस्क