
बिहार न्यूज़ डेस्क प्रखंड की नवलपुर पंचायत के महबूब छपरा स्थित मदरसा दारुल उलूम कदारिया से सात हाफिज-ए-कुरान बच्चों की दस्तारबंदी को लेकर गुरुवार की रात में गुलशन -ए-तैबा कांफ्रेंस का आयोजन किया गया. मदरसा के सचिव सह पूर्व उप प्रमुख फहीम आलम की देखरेख में संपन्न कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना मो. अकील खान मिस्बाही व संचालन फैजान रजा नज्मी व महबूब आलम ने किया.
मुख्य अतिथि मौलाना वसी अहमद सिद्दीकी ने कहा कि मुसलमानों की शिक्षा के प्रति जागरुकता बढ़नी चाहिए. उन्होंने कहा कि बच्चों को मजहबी तालीम के अलावा आधुनिक शिक्षा देने की जरूरत है,ताकि बदलते दौर में बच्चे तकनीकी शिक्षा हासिल कर बेहतर ढंग से रोजी-रोटी कमा सकें. वहीं मौलाना मो. अकील खान मिस्बाही ने कहा कि बच्चे दुनियावी चौकचौंध में इस्लाम के बताए रास्ते से दूर होते जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि तालीम हासिल करने का मकसद अच्छा इंसान बनना है.
वहीं सचिव फहीम आलम ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में मदरसे खुलने से बच्चों को मजहबी तालीम के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा. गरीब बच्चे मदरसे से मजहबी तालीम के अलावा आधुनिक शिक्षा ग्रहण करेंगे. हाफिज इंजामुल हक, हाफिज तजीर खान, हाफिज शाहीद, हाफिज आमिर सहित सात बच्चों की दस्तारबंदी हुई.
मौके पर अतिथि कांग्रेस नेता रिजवान अहमद, डॉ. मो सोहैल अब्बास, डॉ. अशरफ अली, नसीम अख्तर, मिट्ठू बाबू, डॉ. नौशाद अली, मो. भुट्टू, टीपू शेख, शमशीर अली, इरफान, किट्टू बाबू, अखलाक अहमद थे. वहीं, हाफिज अब्दुल कलाम अजहरी, हाफिज मो. रजा मिस्बाही, मौलाना मोसाहिद आजमी, अमजद रजा नूरानी थे.
पटना न्यूज़ डेस्क